उमर के पीएसए को हटाने के बयान पर मचा सियासी भूचाल
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के विवादित बयान पर फिर सियासी तू
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के विवादित बयान पर फिर सियासी तूफान मच गया है। उमर ने जम्मू कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस की सरकार आने पर जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) हटाने का एलान किया है। वहीं पीपुल्स कांफ्रेंस व पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने तंज करते हुए कहा कि इससे बड़ा भद्दा मजाक क्या होगा जिन्होंने यह कानून बनाया वही इसे समाप्त करने की बात करते हैं।
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में पार्टी सम्मेलन में उमर ने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) हटाने के लिए बेशक हमें केंद्र के साथ बातचीत करनी पड़ेगी, केंद्र को मनाना पड़ेगा। पीएसए को हम अपने स्तर पर समाप्त कर सकते हैं। मैं जम्मू कश्मीर की अवाम को यकीन दिलाता हूं कि मैंने सत्ता में आने के चंद दिनों में पीएसए का वजूद समाप्त कर दूंगा। वर्ष 2009 से 2014 तक सत्ता में रहते हुए रियासत में अफस्पा हटाने के लिए हमेशा केंद्र पर जोर दिया। जब तक हम सत्ता में रहे, केंद्र पर लगातार दबाव बनाते रहे। सत्ता में आने के बाद मैं फिर इस मामले को केंद्र के साथ उठाऊंगा। उमर ने कहा कि मैं सिर्फ पीएसए का इस्तेमाल बंद नहीं करूंगा, बल्कि इस कानून को समाप्त कर दूंगा ताकि कश्मीरी नौजवानों को फिर कोई पीएसए के तहत गिरफ्तार कर महीनों तक बिना मुकदमे के जेल में नहीं रख सकेगा। उन्होंने पीडीपी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सही है कि जब हम सत्ता में थे तो बेशक हमने अपने नौजवानों को रोजगार के ज्यादा अवसर नहीं दे पाए, लेकिन हमने उन्हें बंदूक उठा मौत के रास्ते पर जाने को मजबूर नहीं किया। नेकां उपाध्यक्ष ने कहा कि आगामी चुनावों में आप लोग नेकां को पूर्ण बहुमत से जिताएं, हमें किसी दूसरे का सहारा न लेना पड़े। गठबंधन सरकार में आप कुछ मामलों पर आगे नहीं बढ़ सकते।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह दल जिसने पीएसए, पोटा और अफस्पा जैसे काले कठोर कानूनों को विरोधियों की आवाज को दबाने के लिए इस्तेमाल किया है जिसने वर्ष 1987 के चुनावों में धांधलियां की और निर्वाचित लोगों को झूठे मामलों में फंसा जेल में भेजा और आतंकी घोषित किया, अब कह रहा है कि अगर सत्ता में आया तो वह पीएसए को समाप्त कर देगा। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन ने भी ट्वीटर पर लिखा नेशनल कांफ्रेंस ने ही पीएसए को लागू किया और इसका दुरुपयोग किया। अब वह इसे समाप्त करने के लिए लोगों से वोट मांग रही है। यह कानून तो स्व. शेख मोहम्मद अब्दुल्ला साहिबने ही 1975 में लागू किया था। शुरू में यह कानून जंगल से लकड़ी चुराने वालों पर अंकुश लगाने के लिए बनाया गया था। अब इसका जमकर दुरुपयोग हुआ। वर्ष 1975 से 1989 तक नेशनल कांफ्रेंस सत्ता में रही और उसने इसका दुरुपयोग किया। लोन ने अन्य टवीट में लिखा है शेख साहब जो पहली पीड़ िमें थे, ने पीएसए लागू किया, दूसरी पीढ़ी में डॉ. फारूक साहब ने पोटा लागू किया और अब उनके खानदान की तीसरी पीढ़ी उमर अब्दुल्ला ने एनआइ्रए को जम्मू कश्मीर में कार्रवाई का अधिकिार दिया।