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Jammu: नेकां अध्यक्ष उमर ने कहा-परिसीमन की प्रक्रिया के बाद होंगे विधानसभा चुनाव

शिया नेता वसीम रिजवी द्वारा पाक कुरान से कुछ हिस्सों को हटाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान किसी भी धर्म की स्वतंत्रता और आस्था पर आघात की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने जो किया है वह संविधान के खिलाफ ही किया है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 06:04 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 07:47 AM (IST)
Jammu: नेकां अध्यक्ष उमर ने कहा-परिसीमन की प्रक्रिया के बाद होंगे विधानसभा चुनाव
नेशनल काफ्रेंस ने हमेशा ही लद्दाखियों को समझाया कि उनके हित, उनका मुस्तकबिल सिर्फ जम्मू कश्मीर के साथ सुरक्षित है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: नेशनल काफ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को लगता है कि इस वर्ष जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं होंगे। निकट भविष्य में विधानसभा चुनावों की संभावना से इन्कार करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता चुनाव नहीं है, मेरा एकमात्र मकसद अपनी पार्टी को जमीनी स्तर पर फिर से पूरी तरह मजबूत बनाना है।

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उन्होंने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यहा विधानसभा चुनाव होंगे। दक्षिण कश्मीर के दम्हालहाजीपोरा, कुलगाम में दिवंगत नेका नेता वली मोहम्मद यत्तु की बरसी पर पार्टी के सम्मेलन के बाद उमर ने कहा कि परिसीमन आयोग का कार्यकाल जिस तरह से एक साल बढ़ाया गया है, उसे ध्यान में रखते हुए ही मेरा मानना है कि इस साल यहा विधानसभा चुनाव नहीं होंगे। परिसीमन आयोग का कार्यकाल फिलहाल, मार्च 2022 तक बढ़ाया जा चुका है और इस बात की क्या गारंटी है कि इसका कार्यकाल भविष्य में और नहीं बढ़ाया जाएगा।

जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सशक्तीकरण के सवाल पर उमर ने कहा कि नेका के शासनकाल में हुए पंचायत चुनावों में 90 फीसद मतदान हुआ था। सरकार पंचायतों के सशक्तीकरण के दावे कर रही है, लेकिन यहा डीडीसी और पंचायत सदस्य इन्हें झूठा बता रहे हैं। विकास कार्य भी जमीन पर नजर नहीं आ रहे हैं। डीडीसी को सिर्फ फोटो खिंचवाने और दुनिया को बताने तक सीमित न रखा जाए। सरकार को डीडीसी को सभी आवश्यक अधिकार व शक्तिया प्रदान करनी चाहिए। भारत-पाकिस्तान के बीच एलओसी पर जंगबंदी पर उमर ने कहा कि हम शुरू से ही बातचीत, दोस्ती और अमन के समर्थक रहे हैं।

पूरी उम्मीद है कि 2003 के जंगबंदी के समझौते को दोनों मुल्क पूरी तरह प्रभावी बनाएंगे। शिया नेता वसीम रिजवी द्वारा पाक कुरान से कुछ हिस्सों को हटाए जाने की मांग पर उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान किसी भी धर्म की स्वतंत्रता और आस्था पर आघात की इजाजत नहीं देता है। उन्होंने जो किया है, वह संविधान के खिलाफ ही किया है। लद्दाख के हित जम्मू कश्मीर के साथ ही सुरक्षित लद्दाख में स्थायी निवास प्रमाणपत्र की तरह स्पेशल रेजिडेंसी कानून लागू करने की उठ रही माग का जिक्र करते हुए उमर ने कहा कि नेशनल काफ्रेंस नेतृत्व ने हमेशा ही लद्दाखियों को समझाया कि उनके हित, उनका मुस्तकबिल सिर्फ जम्मू कश्मीर के साथ सुरक्षित है।

दुर्भाग्यवश, आज सभी आशकाएं सही साबित हो रही हैं। यह मुल्क 130 करोड़ भारतीयों का राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य का जिक्र करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह मुल्क 130 करोड़ भारतीयों का है। यह किसी एक व्यक्ति विशेष या समुदाय का मुल्क नहीं है। इसलिए जो व्यक्ति इस मुल्क का नेतृत्व कर रहा है, उसे जनाकाक्षाओं के अनुरूप ही काम करना चाहिए।


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