अब जाकिर मूसा पर सुरक्षाबलों की नजर
दक्षिण कश्मीर में 30 से ज्यादा आतंकियों की गतिविधियों को संचालित कर रहा है। लश्कर और हिज्ब के कई नए लड़के उसके साथ जुड़ रहे हैं।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । अंसार-गजवा-उल-हिंद, जिसे अल कायदा का कश्मीरी संगठन कहा जा रहा है, में बेशक इस समय तीन दर्जन के करीब आतंकी हैं, लेकिन जाकिर मूसा के अलावा कोई ऐसा नहीं, जो नई भर्ती को गति देने के साथ सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बन सके। एक अबु दुजाना जरूर था, उसके साथ, लेकिन कश्मीर में अल कायदा के लिए कोई बड़ा कारनामा करने से पहले ही वह सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।
दक्षिण कश्मीर में आतंकरोधी अभियानों के संचालन में अहम भूमिका निभा रही सेना की विक्टर फोर्स के एक वरिष्ठ सैन्याधिकारी ने कहा कि एक माह पहले तक जाकिर मूसा बेशक अकेला नजर आ रहा था। हालांकि जून तक पूरी तरह स्पष्ट हो गया था कि वह लश्कर और जैश के साथ मिलकर कश्मीर में आइएस या अल-कायदा के साथ चलने वाले किसी आतंकी संगठन का गुट तैयार कर चुका है, लेकिन वह नए लड़कों को जोड़ने में कामयाब नहीं हो पा रहा था। अलबत्ता, पिछले सप्ताह जब अल-कायदा ने इंटरनेट की एक सोशल साईट पर अंसार-गजवा- उल-हिंद के गठन और जाकिर मूसा का ेउसका कमांडर बनाने का एलान किया तो हालात बदल गए।जाकिर मूसा को पहले सिर्फ पांच छह लड़कों का साथ था।
अब दक्षिण कश्मीर में 30 से ज्यादा आतंकियों की गतिविधियों को संचालित कर रहा है। लश्कर और हिज्ब के कई नए लड़के उसके साथ जुड़ रहे हैं। उसके साथ दुजाना और आरिफ ललहारी का जुड़ना बताता है कि अल कायदा की पैठ या उसके प्रति आतंकियों का झुकाव लगातार बढ़ रहा है। अगर इस समय वह कोई बड़ी वारदात में कामयाब नहीं हो पा रहा है तो सिर्फ सरहद पार से हथियारों और पैसे की आपूर्ति पर्याप्त न होने के कारण।
उक्त सैन्याधिकारी ने कहा कि अगर दुजाना कुछ समय और जिंदा रहता तो यह नया संगठन ज्यादा खतरनाक साबित होता। फिलहाल, जाकिर मूसा जो इस समय जंगल में अकेले भेडि़ए की तरह है। सुरक्षाबल लगातार उसे खोज रहे हैं और वह रोज ठिकाना बदल रहा है। उसके मारे जाने के बाद शायद ही उसका यह संगठन कश्मीर में दोबारा खड़ा हो सके।