बुखारी के झटके से सहमी पीडीपी अब संभालने लगी अपना कैडर
पीडीपी से निष्कासित पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी ने रविवार को अपने सियासी संगठन जेके अपनी पार्टी का एलान किया है। लगभग दो दर्जन नेता पीडीपी को छोड़कर ही अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का हिस्सा बने हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी द्वारा दिए गए झटके से उबरने का प्रयास कर रही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने अपने कैडर को संभालने की कवायद शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में बुधवार को पीडीपी ने जिला बड़गाम में एक बैठक का आयोजन किया। इसमें राज्य के मौजूदा हालात पर विचार विमर्श के बीच सभी राजनीतिक नेताओं के बिना शर्त रिहाई और दैनिक वेतनभोगियों का वेतन जारी करने की मांग सरकार से की गई।
पीडीपी से निष्कासित पूर्व वित्त मंत्री अल्ताफ बुखारी ने रविवार को अपने सियासी संगठन जेके अपनी पार्टी का एलान किया है। लगभग दो दर्जन नेता पीडीपी को छोड़कर ही अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का हिस्सा बने हैं। इससे पीडीपी के लिए कश्मीर में अपना वजूद बचाना मुश्किल होता नजर आ रहा है।
पीडीपी सचिव अब्दुल हमीद कोशीन ने बुधवार को बड़गाम के चाडूरा इलाके में एक बैठक की। इसमें पीडीपी के स्थानीय कैडर के अलावा बड़ी संख्या में आम लोग भी नजर आए। बैठक में कोशीन ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत जम्मू कश्मीर के तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैद में रखने से केंद्र कश्मीर में लोकतंत्र को ही नुकसान पहुंचा रहा है। बेहतर यही है कि तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत सभी राजनीतिक कैदियों को जल्द रिहा किया जाए और राजनीतिक गतिविधियों पर कथित पाबंदियों को समाप्त किया जाए।
कोशीन ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशासन जम्मू कश्मीर में आम जनता को पेश आ रही समस्याओं से लगातार उदासीन बना हुआ है। वह जम्मू कश्मीर में स्थायी शांति, विकास और सुरक्षा का माहौल बनाने के बजाय सिर्फ हालात सामान्य होने का शोर मचा रहा है। हकीकत में कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं, लोगों में एक तरह का डर है।
पीडीपी नेता ने कहा कि प्रशासन को विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत दैनिक वेतनभोगियों का वेतन जारी करना चाहिए। यहां बेरोजगारी लगातार बढ़ रही है। उसे काबू करने के लिए जल्द ही भर्ती अभियान चलाया जाना चाहिए। बैठक में मौजूद पीडीपी नेताओं ने हाल ही में गठित अपनी पार्टी को नई दिल्ली की जमात करार देते हुए कहा कि कश्मीरियों की आवाज को दबाने और उन्हें सियासी तौर पर कमजोर करने की साजिश के तहत ही इस जमात को खड़ा किया गया है। बेशक पीडीपी के कई नेता इसमें चले गए हैं, लेकिन पीडीपी को इससे फर्क नहीं पड़ता। पीडीपी छोड़ने वाले नेताओं अब जनता के सामने पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं।