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अब पीडीपी नेता जहूर मीर पर भ्रष्टाचार मामले में शिकंजा, एसीबी ने शुरू की जांच

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है। जहूर मीर का नाम जेके बैंक घोटाले व फर्जी नियुक्तियों में पहले भी कथित तौर पर आ चुका है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 22 Dec 2019 11:17 AM (IST)Updated: Sun, 22 Dec 2019 11:17 AM (IST)
अब पीडीपी नेता जहूर मीर पर भ्रष्टाचार मामले में शिकंजा, एसीबी ने शुरू की जांच
अब पीडीपी नेता जहूर मीर पर भ्रष्टाचार मामले में शिकंजा, एसीबी ने शुरू की जांच

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) नेताओं की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अब पूर्व मंत्री जहूर अहमद मीर पर भ्रष्टाचार मामले में शिकंजा कस रहा है। उन पर नियमों की अनदेखी कर पांपोर में निकाय कमेटी की दुकानें चहेतों को आबंटित कराने का आरोप है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है।

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जहूर मीर का नाम जेके बैंक घोटाले व फर्जी नियुक्तियों में पहले भी कथित तौर पर आ चुका है। इस मामले में भी उनके खिलाफ जांच चल रही है। खादी ग्रामोद्योग विभाग में दो वर्ष पूर्व हुई नियुक्तियों में भी उनकी भूमिका सवालों के घेरे में रही थी। उस सूची में भी उनके कई विश्वासपत्र शामिल थे। बाद में यह सूची रद कर दी गई थी।

ताजा मामला वर्ष 2014 का है। पांपोर निकाय समिति के पूर्व सेटलमेंट अधिकारी अब्दुल हमीद वानी का आरोप है कि पीडीपी के तत्कालीन मंत्री जहूर अहमद मीर के दबाव और प्रभाव के चलते 10 दुकानों को पीडीपी से जुड़े लोगों को औने-पौने दाम में आवंटित किया गया। कुछ दुकानेें तो बिना औपचारिकता पूरी किए ही आवंटित कर दी गई। इनमें एक दुकान पूर्व मंत्री के चचेरे भाई को दी गई। दुकानों के आवंटन में हुई गड़बड़ी से सरकारी खजाने को एक करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान पहुंचा। अब अदालत ने एसीबी को नए सिरे से जांच करने को कहा है। अदालत ने राज्य सतर्कता संगठन द्वारा 18 मई 2015 को सौंपी जांच रिपोर्ट भी मांगी है।

सभी संपत्तियों का ब्यौरा तैयार करने के लिए बनेगी कमेटी

अदालत ने कश्मीर के स्थानीय शहरी निकाय के निदेशक को पांपोर निकाय कमेटी की सभी परिसंपत्तियों और बिना नीलामी आवंटित दुकानों का पूरा ब्यौरा तैयार करने के लिए एक समिति बनाने का आदेश दिया है। अदालत ने साफ कहा है कि इस समिति में पांपोर निकाय समिति का कोई अधिकारी शामिल नहीं किया जाए।

जहूर मीर से नहीं हो पाया संपर्क

इस संदर्भ में जब जहूर अहमद मीर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके फोन पर इनकमिंग की सुविधा बंद होने का संदेश मिला। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि जहूर मीर को पांच अगस्त को प्रशासन ने अन्य नेताओं संग एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था।


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