सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हमले की साजिश में लिप्त आतंकी गिराफ्तार
terrorist. एनआइए ने सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आत्मघाती हमले की साजिश में लिप्त आतंकी को गिराफ्तार किया है।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने लेथपोरा, पुलवामा में करीब एक साल पहले सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर हुए आत्मघाती हमले की साजिश में लिप्त जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी को सोमवार को गिराफ्तार करने का दावा किया है। उसकी पहयान फैयाज अहमद मागरे के रूप में हुई है। वह लिथपोरा का ही रहने वाला है।
गौरतलब है कि लिथपोरा, पुलवमा स्थित सीआरपीएफ के ग्रुप सेंटर पर पर 30 दिसंबर, 2017 की देर रात गए स्वचालित हथियारों से लैस जैश ए माेहम्मद के अफजल गुरु स्कवाड से संबधित तीन आत्मघाती आतंकी गोलियां दागते हुए दाखिल हो गए थे। इस हमले में सीआरपीएफ के पांच कर्मी शहीद व तीन अन्य जख्मी हुए थे। सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में तीनों आतंकी मारे गए थे। मारे गए आतंकियों की पहचान फरदीन अहमद खांडे पुत्र गुलाम मोहिउददीन खांडे निवासी नाजनीनपोरा त्राल, मंजूर बाबा पुत्र अली मोहम्मद बाबा निवासी द्रबगाम पुलवामा और गुलाम कश्मीर के रहने वाले अब्दुल अशकूर के रूप में हुई। लेथपोरा में करीब 14 साल बाद पहली बार जैश-ए-मोहम्मद ने कश्मीर में किसी आत्मघाती हमले में स्थानीय आतंकियों को इस्तेमाल किया था।
एनआइए के प्रवक्ता ने बताया कि फैयाज अहमद मागरे को पूरी छानबीन और सभी साक्ष्य जमा करने के बाद ही गिरफतार किया गया है। वह जैश ए मोहम्मद का एक अहम ओवरग्राउंड वर्कर है। उसने ही लेथपोरा में हमले के लिए सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर का नाम जैश को दिया था। इसके अलावा उसने इस कैंप के बारे में पूरी जानकारी जमा करते हुए हमले का खाका भी तैयार किया और हमले में लिप्त आतंकियों को हमले के लिए हर संभव मदद दी। वह वर्ष 2001 में भी जन सुरक्षा अधिनियम के तहत पकड़ा जा चुका है और करीब 16 माह तक जेल में बंद रहा था। फिलहाल, उससे पूछताछ जारी है।