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J&K: हालात सामान्य बनाने में मुख्य खिलाड़ी साबित हो सकते हैं नेकां-पीडीपी, केंद्र ने गुपचुप शुरू की संवाद की प्रक्रिया

उमर और महबूबा के साथ बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने व संबधित औपचारिकताओं की जमीन तैयार करने के लिए केंद्र का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को कश्मीर आया था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 01:39 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 01:39 PM (IST)
J&K: हालात सामान्य बनाने में मुख्य खिलाड़ी साबित हो सकते हैं नेकां-पीडीपी, केंद्र ने गुपचुप शुरू की संवाद की प्रक्रिया
J&K: हालात सामान्य बनाने में मुख्य खिलाड़ी साबित हो सकते हैं नेकां-पीडीपी, केंद्र ने गुपचुप शुरू की संवाद की प्रक्रिया

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में बदली परिस्थितियों में सियासी गतिविधियों को बहाल करने के लिए राज्य के दो प्रमुख राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताअों के साथ पर्दे के पीछे संवाद की प्रक्रिया को शुरु कर दिया है। नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्षा व पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के साथ शुक्रवार को केंद्र के एक प्रतिनिधिमंडल ने अलग-अलग मुलाकात की है। हालांकि बातचीत के नतीजे को लेकर कोई तथ्य सामने नहीं आया है। यही नहीं संबधित प्रशाासन ने इस मुलाकात पर पूरी तरह अनभिज्ञता भी प्रकट की है।

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संबधित सूत्रों ने बताया कि राज्य में पैदा नए हालात के बीच केंद्र सरकार जल्द से जल्द सामान्य स्थिति को बहाल करने के लिए सभी मोर्चाें पर काम कर रहा है। नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी इसमें मुख्य खिलाड़ी साबित हो सकते हैं। इन दोनों दलों का राज्य में हालात सामान्य बनाने की प्रक्रिया से बाहर रहना, राजनीतिक गतिरोध का कारण बन भी सकता है। इसलिए केंद्र अपने स्तर पर नेकां और पीडीपी नेताओं के साथ संवाद का हर संभव प्रयास कर रहा है। दोनों को बदली परिस्थितियों में कुछ बदलाव के साथ राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।इसी प्रक्रिया के तहत बीते दिनों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को एक विशेष विमान के जरिए नयी दिल्ली ले जाया गया था।

गौरतलब है कि पांच अगस्त को राज्य की संवैधानिक स्थिति में बदलाव और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित करने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद से ही पूरी राज्य में सियासी उथल पुथल चल रही है। कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए नेशलन कांफ्रेंस, पीडीपी, माकपा समेत कश्मीर केंद्रित सियासत करने वाले मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं और प्रमुख कार्यकर्त्ताओं को एहतियातन हिरासत मे लिया गया है। कइयों को उनके ही घरों में नजरबंद किया गया है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी एहतियातन हिरासत में हैं।

उन्होंने बताया कि उमर और महबूबा के साथ बातचीत की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने व संबधित औपचारिकताओं की जमीन तैयार करने के लिए केंद्र का एक विशेष प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को कश्मीर आया था। बताया जाता है कि इसमें कुछ वरिष्ठ खुफिया अधिकारी भी थे। उन्होंने मौजूदा हालात और कश्मीर में भविष्य की राजनीति को ध्यान में रखते हुए इन दोनों नेताओं से अलग अलग बैठक की। यह बैठकें करीब दो से तीन घंटे तक चली। इसके बाद यह प्रतिनिधिमंडल इन दोनों नेताओं के संदेश को लेकर दिल्ली लौट गया।

20 दिनों में दो बाद विशेष विमान से बुलाया गया दिल्ली

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य को पुनर्गठित करने के फैसले के मद्देनजर वादी में उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत अन्य नेताओं को एहितयातन हिरासत में ले रखा है। केंद्र वादी में हालात को पूरी तरह सामान्य बनाने और लोकतांत्रिक व्यवस्था की पूरी तरह बहाली के लिए जल्द चुनाव कराना चाहता है। इसलिए प्रशासन चाहता है नेकां और पीडीपी को इस प्रक्रिया में शामिल होने के लिए जल्द तैयार किया जाए। अगर दोनों दल बदली परिस्थितियों में लचीला रुख अपनाते हैं तो इससे कश्मीर में हालात सामान्य बनाने में बहुत मदद होगी। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार दोनों दलों के नेताओं के साथ संवाद बनाने का प्रयास कर रही है। इस पर अमलीजामा पहचाने के लिए ही पूर्व मुख्यमंत्री उमर और महबूबा को मंगलवार (20 अगस्त) की शाम श्रीनगर एयरपोर्ट से छह सीटर विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया। दोनों नेता बुधवार 21 अगस्त को दोपहर बाद दिल्ली से कश्मीर लौट आए। उससे पहले दोनों नेताओं को 9 अगस्त की शाम को भी विशेष विमान से दिल्ली ले जाया गया था जबकि ईद से दो दिन पहले यानी 10 अगस्त की शाम को उन्हें वापस लाया गया था। 


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