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नवीद जट्ट का साथी अबू जरार भी मारा गया, जट्ट को अस्पताल से भगाने में निभार्इ थी अहम भूमिका

बेगमपुरा पुलवामा का रहने वाला हिलाल अहमद राथर उर्फ अबु जरार हालांकि आतंकियों के लिए बतौ ओवरग्राऊंड वर्कर बीते तीन चार साल से काम कर रहा था।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 12 Feb 2019 03:24 PM (IST)Updated: Tue, 12 Feb 2019 03:24 PM (IST)
नवीद जट्ट का साथी अबू जरार भी मारा गया, जट्ट को अस्पताल से भगाने में निभार्इ थी अहम भूमिका
नवीद जट्ट का साथी अबू जरार भी मारा गया, जट्ट को अस्पताल से भगाने में निभार्इ थी अहम भूमिका

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। दक्षिण कश्मीर के रत्नीपोरा पुलवामा में मंगलवार को मारे गए आतंकी हिलाल अहमद उर्फ अबू जरार ने ही बीते साल पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट को एसएमएचएस अस्पताल से फिल्मी अंदाज में भगाने में अहम भूमिका निभाई थी। इस दौरान दो पुलिसकर्मी भी शहीद हुए थे। वह गत नवंबर माह मे नवीद के साथ ही मारा जाता, अगर आतंकी समर्थक भीड़ सुरक्षाबलों पर पथराव करते हुए उसे वहां से सुरक्षित निकाल न ले जाती।

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बेगमपुरा पुलवामा का रहने वाला हिलाल अहमद राथर उर्फ अबु जरार हालांकि आतंकियों के लिए बतौ ओवरग्राऊंड वर्कर बीते तीन चार साल से काम कर रहा था। वर्ष 2016 में वह पहली बार पकड़ा गया, पर जल्द ही छूट गया।उसके बाद उसके खिलाफ राष्ट्रविरोधी व हिंसक गतिविधियों से जुड़े और भी कई मामले दर्ज हुए। लेकिन बीते साल छह फरवरी 2018 को जब श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल से पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट उर्फ अबु हंजला फरार हुआ तो हिलाल अहमद राथर का नाम दोबारा चर्चा में आया। अस्पताल से नवीद को भगाने के लिए दो पुलिसकर्मियों की हत्या की गई थी। नवीद को भगाने की साजिश में हिलाल अहमद का साथ काकपोरा पुलवामा के मोहम्मद टिका खान,शकील अहमद बट, सईद तजुम्मल इस्लाम किरमानी और मोहम्मद शफी वानी ने दिया था।

नवीद जट्ट के साथ हिलाल अहमद राथर भी एक सक्रिय आतंकी बन गया। लेकिन वह हिजबुल मुजाहिदीन का हिस्सा बन गया। उसके बाद उसने एक के बाद एक कर कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया। उसने नवीद जटट के साथ मिलकर सुरक्षाबलोंपर हमले, सुरक्षाबलों के परिजनों के साथ मारपीट और नागरिक हत्याओं को अंजाम देना शुरु कर दिया। गत नवंबर माह के दौरान श्रीनगर से करीब 14 किलोमीटर दूर डांगरपोरा में सुरक्षाबलों ने जब नवीद जट्ट को घेरा तो हिलाल उसके साथ ही था। इस मुठभेड़ में नवीद मारा गया। वह भी मारा जाता,लेकिन आतंकी समर्थक हिंसक तत्वों की भीड़ ने मुठभेड़स्िाल पर मौजूद सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया था। नागरिक क्षति से बचने के लिए सुरक्षाबलों ने जैसे ही घेराबंदी हटाई, आतंकी समर्थक तत्व हिलाल को मुठभेड़स्थल से सुरक्षित निकाल ले गई थी।

हिलाल अहमद के रत्नीपोरा में छिपे होने की सूचना गत सोमवार को देर रात गए ही मिली थी। पुलिस को अपने तंत्र से पता चलाथा कि अल-बदर,जैश और हिज्ब के चार आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की साजिश को अंजाम देने क लिए एक बैठक करने आए हैं। इस सूचना पर सुरक्षाबलों ने एक अभियान चलाया,जिसके दौरान हुई मुठभेड़ में हिलाल मारा गया। लेकिन वहां छिपे अन्य आतंकी मुठभेड़ के दौरान भागने में कामयाब रहे। इस मुठभेड़ में एक सैन्यकर्मी भी शहीद हो गया।


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