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KASHMIR: मोबाइल की घंटी तो बजी पर एसएमएस सेवा हुई बंद, बकाया बिल जमा कराने के लिए लगी कतारें

अब जबकि मोबाइल सेवा बहाल हुई है उन्हें बिल जमा कराने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 03:54 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 06:04 PM (IST)
KASHMIR: मोबाइल की घंटी तो बजी पर एसएमएस सेवा हुई बंद, बकाया बिल जमा कराने के लिए लगी कतारें

श्रीनगर, जेएनएन। कश्मीर में 72 दिनों बाद मोबाइल की घंटी तो बजी परंतु यह सुविधा परेशानियां भी साथ लाई है। 14 अक्टूबर से कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल फोन शुरू कर दिए गए हैं परंतु देर शाम को प्रशासन ने एहतियात के तौर पर एसएमएस सुविधा को बंद कर दिया। प्रशासन का तर्क है कि एसएमएस का फायदा उठाकर राष्ट्र विरोधी तत्व घाटी में बने शांति के माहौल को खराब कर सकते हैं। वहीं पोस्टपेड फोन शुरू होते ही उपभोक्ताओं को बकाया बिल जमा कराने के मैसेज भी आना शुरू हो गए हैं। बिल जमा कराने जा रहे उपभोक्ताओं को घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है वहीं कई उपभोक्ता ऐसे भी हैं जिन्हें इन दो महीनों में मोबाइल सेवा पूरी तरह बंद रहने के बावजूद भारी भरकम बिल आए हैं। इन शिकायतों का समाधान करवाने के लिए भी मोबाइल कंपनियों के काउंटर पर लोगों की लंबी कतारें देखने को मिल रही है।

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श्रीनगर के निवासी इशाक मोहम्मद का कहना है कि वह बीएसएनएल पोस्टपेड मोबाइल सेवा इस्तेमाल कर रहे हैं। अगस्त में बंद हुई मोबाइल सेवा अक्टूबर में बहाल की गई है। दो महीनों का बकाया बिल जमा कराने के लिए वह बीएसएनएल कार्यालय में सुबह 11 बजे आए थे। उस समय भी विभिन्न काउंटरों पर लगी कतारों में करीब पांच सौ से अधिक लोग खड़े थे। उन्होंने भी दोपहर दो बजे के करीब अपना मोबाइल बिल जमा करवाया। मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला सरकार का था, उस दौरान भी लोगों को काफी परेशानी हुई। अब जबकि मोबाइल सेवा बहाल हुई है, उन्हें बिल जमा कराने के लिए भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसी तरह एयरटेल पोस्टपेड सेवा इस्तेमाल करने वाले नजीर अहमद ने कहा कि दो महीने घाटी में मोबाइल सेवा बंद रही, इसके बावजूद कंपनी ने उन्हें 2100 रूपये का बिल भेजा गया है। उन्हें यह बात समझ नहीं आ रही कि जब मोबाइल सेवा ही बंद रही और वह इस दौरान न तो किसी को फोन कर सकते थे और न ही इंटरनेट सेवा का लाभ उठा सकते थे, तो इतना बिल कंपनी ने उन्हें कैसे भेजा। इस शिकायत को लेकर वह सुबह 11.30 बजे से कतार में खड़े हैं परंतु कतार इतनी लंबी है कि अभी उन्हें और इंतजार करना पड़ेगा। यही दो मामले नहीं है। इस तरह की कई शिकायतें लेकर उपभोक्ता अन्य निजी मोबाइल कंपनियों के काउंटर पर अपनी बारी का इंतजार करते हुए देखे जा सकते हैं।

प्रीपैड से पोस्टपेड कराने वालों का भी लगा है तांता

कश्मीर में पोस्टपेड मोबाइल के करीब 40 लाख उपभोक्ता हैं। इसके अलावा प्रीपेड कनेक्शन की बात करें तो इस सेवा का इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या भी 25 लाख के करीब है। घाटी में पोस्टपेड मोबाइल सेवा शुरू होने के बाद अब प्रीपैड मोबाइल उपभोक्ता भी अपना कनेक्शन पोस्टपेड में करने के लिए मोबाइल कंपनियों के कार्यालय में पहुंच रहे हैं। इन उपभोक्ताओं की भी अच्छी खासी लाइने लगी हुई हैं। यही नहीं करीब दो महीनों से मोबाइल सेवा से वंचित कई उपभोक्ता तो नया कनेक्शन लेने की इच्छा से भी पहुंचे हुए हैं। लोगों का कहना है कि प्रशासन ने कश्मीर में पोस्टपेड शुरू करने में दो महीने लगा दिए। इस पर भी एसएमएस और इंटरनेट सेवा बंद है। ऐसे में प्रीपेड मोबाइल कब शुरू किए जाएंगे, इसका कोई पता नहीं है। ऐसे में अच्छा है कि वे अपने प्रीपेड कनेक्शन को पोस्टपेड में बदल ले यां नए कनेक्शन ले लें।


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