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मौजूदा हालात बातचीत के लायक नहीं: मीरवाइज

कश्मीरी अलगाववादियों ने मौजूदा हालात में केंद्र से वार्ता की संभावना को नकारते हुए कहा कि पहले नई दिल्ली साजगार माहौल बनाए।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 30 Aug 2017 12:49 PM (IST)Updated: Wed, 30 Aug 2017 12:49 PM (IST)
मौजूदा हालात बातचीत के लायक नहीं: मीरवाइज
मौजूदा हालात बातचीत के लायक नहीं: मीरवाइज

 श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । कश्मीरी अलगाववादियों ने मौजूदा हालात में केंद्र से वार्ता की संभावना को नकारते हुए कहा कि पहले नई दिल्ली साजगार माहौल बनाए। हुर्रियत नेताओं की गतिविधियों पर पाबंदी और उनकी प्रताड़ना का दौर बंद होना चाहिए।

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ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी गुट के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक ने कहा कि हमने कभी भी कश्मीर मसले पर बातचीत से अपने कदम पीछे नहीं खींचे हैं। हम केंद्र से पहले भी इस मद्दे पर बातचीत कर चुके हैं। लेकिन दिल्ली का रवैया हमेशा नकारात्मक रहा है। हम आज भी बातचीत के विकल्प को अपनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन मौजूदा हालात बातचीत लायक नहीं हैं। केंद्र सरकार को पहले यहां बातचीत लायक माहौल बनाना चाहिए और तभी आगे सोचा जा सकता है।

जम्मू-कश्मीर साल्वेशन मूवमेंट के चेयरमैन जफर अकबर फतेह ने कहा कि मैंने आज से 17 साल पहले माजिद डार संग नई दिल्ली के प्रतिनिधियों से बातचीत की थी। लेकिन दिल्ली का रवैया नकारात्मक रहा है। हम सभी चाहते हैं कि यहां अमन हो, लेकिन यह अमन कश्मीर मसले के हल के साथ ही आएगा। कश्मीर मसला तभी हल होगा जब नई दिल्ली कश्मीरियों को बराबरी के आधार पर बातचीत के लिए बुलाएगी। लेकिन मौजूदा हालात में जब यहां हुर्रियत नेताओं को घरों से बाहर नहीं निकलने दिया जाता, एनआइए के जरिए कश्मीर की आजादी पंसद तंजीमों के नेताओं व उनके परिजनों को प्रताडि़त किया जाता रहेगा, कैसे बातचीत होगी।

कट्टरपंथी नेता के महासचिव गुलाम नबी सुमजी ने कहा कि नई दिल्ली की बातचीत की इच्छा ही नहीं है। हमने या हमारे नेता सैयद अली शाह गिलानी ने कभी बातचीत से इन्कार नहीं किया है। लेकिन केंद्र ने कभी भी यहां कश्मीर मुद्दे पर सार्थक बातचीत के लिए माहौल नहीं बनाया। मौजूदा हालात में जब अधिकांश कश्मीरी नेता जेलों में बंद हैं और जो बाहर हैं, वह घरों में नजरबंद हैं। इसके अलावा यहां आम कश्मीरी नौजवानों को जेलों में बंद किया जा रहा है, एनआइए के जरिए हुर्रियत नेताओं को परेशान किया जा रहा है। ऐसे में बातचीत नहीं हो सकती। अगर नई दिल्ली को बातचीत करनी है तो पहले उसे यहां सरकारी प्रताड़ना का दौर बंद करना होगा, हुर्रियत नेताओं की नजरबंदी समाप्त करनी होगी और बातचीत लायक माहौल बनाना होगा।


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