मीरवाईज, मलिक पुलिस हिरासत में, 27 नवंबर को कश्मीर बंद का एलान
मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और यासीन मलिक ने इस दौरान 27 नवंबर को कश्मीर बंद का आहवान किया।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । पुलिस ने बुधवार को निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर लालचौक में राष्टविरोधी रैली निकालने का प्रयास कर रहे हुर्रियत चेयरमैन मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक समेत एक दर्जन लोगों को हिरासत में ले लिया। रैली से पूर्व मीरवाईज और मलिक ने देश की विभिन्न जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों की रिहाई के समर्थन व उनके प्रति अपनी सहानुभूति जताने के लिए 27 नवंबर को कश्मीर बंद का आहवान भी किया।
आज दोपहर को अचानक ही उदारवादी हुर्रियत प्रमुख मीरवाईज मौलवी उमर फारुक अपने कुछ खास साथियों संग लालचौक के साथ सटे आबी गुजर इलाके में स्थित जेकेएलएफ के मुख्यालय में मोहम्मद यासीन मलिक से मिलने पहुंचे। दोनों के बीच करीब बीस मिनट एक बैठक चली और उसके बाद उन्होंने संयुक्त रुप से पत्रकारों को संबोधित किया।
मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और यासीन मलिक ने इस दौरान 27 नवंबर को कश्मीर बंद का आहवान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि जम्मू कश्मीर और देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार हा ेरहाहै। उन्हें जेलों में खूंखार अपराधियों के बीच रखा गया है और उनकी जान का खतरा है।
उन्होंने कहा कि जेलों में बंद कश्मीरी युवकों की रिहाई के समर्थन और उन पर जेलों में हो रहे जुल्म को रोकने व उनके साथ सहानुभूति जताने के लिए 27 नवंबर सोमवार को कश्मीर बंद रहेगा। सभी व्यापारिक और सामाजिक संगठनों को इस बंद को कामयाब बनाने के लिए पूरा सहयोग करना चाहिए।
केंद्रीय वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा से बातचीत की संभावना पर मीरवाईज और यासीन मलिक ने कहा कि हमारा एजेंडा स्पष्टï है। कश्मीर के लोगों आजादी और अपना हक ए खुद इरादियत चाहते हैं। इससे कम कोई बात नहीं होगी। दिनेश्वर शर्मा को नई दिल्ली ने सिर्फ कश्मीरियों और दुनिया को मूर्ख बनाने के लिए नियुक्त किया है।
यासीन मलिक ने इस दौरान मुख्यमंत्री महबूबा मुफती और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कश्मीर की मौजूदा दुर्दशा के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं। इन लोगों ने अपनी कुर्सी के लिए हमेशा कश्मीरियों की तहरीक को नुक्सान पहुंचाते हुए हिंदोस्तान के एजेंट की भूमिका निभाई है।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए ही मीरवाईज मौलवी उमर फारुक ने लालचौक मार्च का एलान करते हुए कहा कि एतिहासिक घंटाघर के नीचे जेलों में बंद कश्मीरी कैदियों के समर्थन में एक धरना भी दिया जाएगा। इसके साथ ही वहां आजादी समर्थक रैली शुरु हो गई।
मीरवाईज मौलवी उमर फारुक और यासीन मलिक अपने समर्थकों संग एक जुलूस लेकर लालचौक में घंटाघर की तरफ बढऩे लगे। लेकिन सेंट्रल मार्किट के बाहर पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इस पर अलगाववादी नेताओं व उनके समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरु कर दी।
पुलिस ने अलगाववादी नेताओं को जबरन आगे बढ़ते और धक्का मुक्की करते देख, हल्का बल प्रयोग कर मीरवाईज व मलिक को उनके एक दर्जन समर्थकों समेत हिरासत में ले,अन्य प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। खबर के लिखे जाने तक मीरवाईज और मलिक अपने समर्थकों संग कोठीबाग पुलिस स्टेशन की हवालात में बंद थे।