फिल्म हैदर में बाल कलाकार था मुठभेड़ में मारा गया आतंकी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हाजिन (बाडीपोरा) के रहने वाले 17 साल के साकिब बिलाल को करीब पाच सा
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हाजिन (बाडीपोरा) के रहने वाले 17 साल के साकिब बिलाल को करीब पाच साल पहले जब बालीवुड की फिल्म हैदर में एक बाल कलाकार की भूमिका निभाने का मौका मिला तो किसी ने नहीं सोचा था कि यह छोटा लड़का आतंकवाद की पृष्ठभूमि पर बनने वाली इस फिल्म को अपनी असल जिंदगी की हकीकत बना लेगा। साकिब नौ नवंबर को श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र मुजगुंड में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए लश्कर के तीन आतंकियों में शामिल था। साकिब के साथ मारे गए उसके दूसरे साथी का नाम मुदस्सर था, जो महज 14 साल का था। तीसरा आतंकी पाकिस्तान का रहने वाला अली भाई था।
साकिब और मुदस्सर दोनों 31 अगस्त 2018 को एक साथ ही हाजिन से गायब हुए थे। दोनों घर से नमाज पढ़ने के लिए निकले और उसी मैदान में मिले जहा अक्सर वह शाम को एक साथ फुटबॉल खेला करते थे। दोनों के लापता होने के बाद उनके परिजन पुलिस के पास पहुंचे और सोशल मीडिया पर भी उन्होंने उनसे घर लौटने की अपील की, लेकिन दोनों का कुछ पता नहीं चला। इसके कुछ दिन बाद सोशल मीडिया पर ही उनकी तस्वीरें आई। अक्टूबर में दोनों ही लश्कर के आतंकी के तौर पर पूरी तरह सक्रिया हो चुके थे। साकिब के परिजनों को समझ में नहीं आ रहा था कि वह कैसे आतंकी बन गया, वह तो रंगकर्मी था। हमेशा शायरी, अदाकारी, गीत-संगीत और खेलकूद में मस्त रहने वाला लड़का था। उसके मामा आसिम एजाज ने बताया कि साकिब को एक्टिंग के अलावा इंजीनियरिंग का शोक था। साकिब ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा में डिस्टिंक्शन हासिल की थी। 11वीं कक्षा में उसने फिजिक्स, कैमिस्ट्री का विषय चुना था। वह फुटबॉल का भी बहुत शौकीन था। जब वह छठी कक्षा में था तो उसने विशाल भारद्वाज की फिल्म हैदर में बाल कलाकार की भूमिका भी निभाई थी। फिल्म के एक दृश्य में वह चॉकलेट ब्वॉय है तो एक अन्य दृश्य में वह बम विस्फोट में बच निकलने वाले लड़का था। वह थियेटर का कलाकार था। उसने यहा हुए एक नाट्य समारोह में हुए कश्मीरी नाटक में नायक की भूमिका निभाई थी। यह नाटक और उसका अभिनय दोनों खूब सराहे गए थे। इस नाटक की उड़ीसा में प्रस्तुति के लिए भी वह गया था।
वहीं, मुदस्सर एक गरीब परिवार से संबंध रखता था। वह साकिब के साथ फुटबॉल के मैदान में ही अक्सर नजर आता था। दोनों एक साथ ही घर से निकले और एक साथ ही मारे गए। दोनों के परिवार यही मानते हैं कि 31 अगस्त से एक दिन पहले सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हाजिन में मुठभेड़ हुई थी। इसमें तीन आतंकी मारे गए थे। अन्य लोगों की तरह साकिब और मुदस्सर भी वहा मुठभेड़स्थल पर गए थे और उसके बाद वह फुटबॉल का मैदान छोड़ बंदूक उठाने किसी जंगल में गायब हो गए।