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आतंकियों ने हुर्रियत नेता के घर में घुसकर की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता हफीजुल्ला मीर को आतंकियों ने म

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 09:25 AM (IST)
आतंकियों ने हुर्रियत नेता के घर में घुसकर की हत्या

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : हुर्रियत कांफ्रेंस के एक वरिष्ठ नेता हफीजुल्ला मीर को आतंकियों ने मंगलवार को अनंतनाग में उनके घर में घुसकर मौत के घाट उतार दिया। हफीजुल्ला एक माह पहले ही जेल से रिहा हुए थे और उन्हें बीते कुछ दिनों से अज्ञात फोन से लगातार जान से मारने की धमकी भी मिल रही थी। पुलिस ने इस वारदात के लिए आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन हुíरयत कांफ्रेंस, जमायत-ए-इस्लामी और विभिन्न अलगाववादी संगठनों ने सुरक्षा एजेंसियों पर अंगुली उठाते हुए किसी निष्पक्ष संस्था से जांच की मांग की है।

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जानकारी के अनुसार, हफीजुल्ला मीर कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के नेतृत्व वाली हुर्रियत कांफ्रेंस व तहरीक-ए-हुर्रियत कश्मीर के जिला प्रधान थे। वह जन सुरक्षा अधिनियम के तहत दो साल तक जेल में रहने के बाद पिछले माह ही रिहा होकर अपने घर पहुंचे थे। पिछले दिनों उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ लोग अज्ञात नंबरों से लगातार उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। पुलिस ने इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए जांच भी शुरू कर रखी थी। इसी बीच, सुबह स्वचालित हथियारों से लैस आतंकियों का एक दल अच्छाबल के साथ सटे बुदर इलाके में उनके घर में दाखिल हुआ। आतंकियों ने हफीजुल्ला को देखते ही उन पर गोलियों की बौछार कर दी और वहां से फरार हो गए। हमले में हफीजुल्ला जख्मी हो गए। आतंकियों के जाने के बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित करते हुए घायल को निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने हफीजुल्ला को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि हफीजुल्ला भी एक पाकिस्तान में ट्रे¨नगयाफता आतंकी था जो 1995 तक हिज्ब के कुख्यात कमांडरों में गिना जाता था। मैंने पत्थर मारा और भाग गए आतंकी :

आठवीं में पढ़ने वाली हफीजुल्ला मीर की बड़ी बेटी उमैसा ने बताया कि आतंकी एक काले रंग की आल्टो कार में आए थे। सुबह साढ़े दस बजे मेरे पिता मेरे छोटे भाई के पास खड़े थे। कार से दो नकाबपोश आतंकी बाहर निकले, लेकिन तीसरा आतंकी कार में ही रहा। आतंकियों ने मेरे पिता के सिर पर गोलियां दागी। आतंकियों ने मेरे भाई को गोली मारनी चाही, लेकिन पता नहीं कहां से मुझे जोश आ गया और मैंने मदद के लिए शोर मचाते हुए उनपर पत्थर फेंका। इस पर आतंकी वहां से भाग गए।


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