अंगरक्षक ने शहादत देकर भाजपा नेता और उनकी पत्नी की बचाई जान
गांदरबल में मंगलवार रात आतंकियों ने भाजपा के जिला उप प्रधान गुलाम कादिर पर हमला किया लेकिन उनके अंगरक्षक ने एक आतंकी को मार गिराया। इस दौरान कांस्टेबल भी शहीद हो गया।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : गांदरबल में मंगलवार रात आतंकियों ने भाजपा के जिला उप प्रधान गुलाम कादिर और उनकी पत्नी पर गोलियों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। भाजपा नेता के अंगरक्षक ने त्वरित कार्रवाई कर दोनों को बचा लिया और हमले में खुद घायल होने के बावजूद एक आतंकी को ढेर कर दिया। अंगरक्षक अन्य आतंकियों के आगे अड़ गया, उसकी ललकार देख अन्य आतंकी जान बचाते हुए भाग निकला। बाद में अंगरक्षक ने भी शहादत पाई। सुरक्षाबलों ने भाजपा नेता के मकान के साथ सटे इलाकों की घेराबंदी कर व्यापक तलाशी अभियान चला रखा है।
जानकारी के अनुसार, सूर्यास्त के बाद रात करीब आठ बजे आतंकियों ने गांदरबल के नूनार इलाके में भाजपा नेता गुलाम कादिर पर हमला किया। गुलाम कादिर अपनी बीमार पत्नी को डॉक्टर के पास लेकर जा रहे थे। जब वह अपने घर के गेट पर पहुंचे तो आतंकी सामने आ गए। उन्होंने उन पर हमला कर दिया, लेकिन उनके अंगरक्षक पुलिस कांस्टेबल अल्ताफ हुसैन ने उन्हें बचाते हुए आतंकियों पर जवाबी फायर किया। इस दौरान कांस्टेबल गोली लगने से घायल होकर वहीं जमीन पर गिर पड़ा, लेकिन उसने आतंकियों पर जवाबी फायर जारी रखा। करीब पांच मिनट तक दोनों तरफ से गोलियां चली। इस दौरान एक आतंकी मारा गया और उसके अन्य साथी अपनी जान बचाते हुए भाग निकले।
गोलियों की आवाज सुनकर निकटवर्ती इलाके में गश्त कर रहे सेना और पुलिस के जवान भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भाजपा नेता व उसके परिजनों की सुरक्षा का बंदोबस्त करते हुए घायल पुलिसकर्मी अल्ताफ हुसैन को अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त किया, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने शहादत पाई। इस बीच, सुरक्षाबलों ने मारे गए आतंकी का शव भी अपने कब्जे में ले लिया। साथ ही उन्होंने अन्य आतंकियों को पकड़ने क लिए पूरे इलाके की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया, जो देर रात तक जारी रहा।
पुलिस ने मारे गए आतंकी की पहचान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन स्थानीय सूत्रों की मानें तो वह दक्षिण कश्मीर के जगलनाड़ (पुलवामा) का रहने वाला शब्बीर अहमद शाह है।
गौरतलब है कि आतंकी हमले में बाल-बाल बचे भाजपा नेता गुलाम कादिर बीते माह सुर्खियों में आए थे जब उनपर किजौरा गांव में कब्रीस्तान की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा था। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करते हुए उन्हें हिरासत में भी लिया था।