पुलिया के नीचे छिप गए थे मन्नान व आशिक
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मन्नान वानी और उसके साथी को जब सुरक्षाबलों ने घेरा तो उन्होंने अपना ठिकाना छ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : मन्नान वानी और उसके साथी को जब सुरक्षाबलों ने घेरा तो उन्होंने अपना ठिकाना छोड़ पहले एक मस्जिद में दाखिल होने का प्रयास किया था, लेकिन जब सफल नहीं हुए मस्जिद के इमाम के घर में दाखिल होने लगे। वहां कुछ देर तक गोलियों की आदान-प्रदान में वह किसी तरह बच निकले और पास बनी एक पुलिया के नीचे जाकर छिप गए थे। उनके शवों के पास से पुलिस ने एक एसाल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 90 कारतूस, एक इंसास राइफल और उसके 80 कारतूस व पांच मैगजीन बरामद किए हैं।
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आशिक तीन माह पहले था वाहन चालक
मन्नान के साथ मारा गया दूसरा आतंकी आशिक अहमद करीब तीन माह पहले ही आतंकी बना था। आतंकी बनने से पहले वह एक सूमो टैक्सी चलाता था। वह मावर लच्छ गांव का रहने वाला था। जब वह छोटा था तो उसके पिता की अज्ञात आतंकियों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली और वह उसे लेकर लंगेट से सटे तुलावारी गांव में आ गई। उसके दो छोटे भाई और चार बहनें हैं। एक बहन की शादी हो चुकी है।