उपराज्यपाल ने कहा-बेफिक्र रहें, जम्मू कश्मीर में कोई संपत्ति कर नहीं लगाएगी सरकार
दो-तीन दिनों में कानूनी प्रक्रिया के तहत कुछ निर्णय लिए गए हैं जिन्हें लेकर कुछ लोग गफलत फैला रहे हैं। इसलिए अब स्पष्ट करता हूं कि प्रदेश प्रशासन किसी तरह का कोई सपंत्ति कर नहीं लगा रहा है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि जम्मू कश्मीर सरकार कोई संपत्ति कर (प्रॉपर्टी टैक्स) नहीं लगाने जा रही है। अलबत्ता, आम लोगों की सुविधाओं के विकास के लिए स्थानीय निकाय अगर कोई कर लगाते हैं तो किसी को इस पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पंचायत प्रतिनिधियों को जो मासिक भत्ता मिलता है, वह आगे भी जारी रहेगा। जल्द ही हम इसमें और भी बढोतरी करेंगे।
मेरा शहर-मेरी शान अभियान के तहत उपराज्यपाल सोमवार को बारामुला में थे। यहां उन्होंने झेलम दरिया पर एसआरटीसी पुल का उद्घाटन किया। बारामुला के ओल्ड टाउन को सिविल लाइंस से जोड़ने वाला पुल 2014 में विनाशकारी बाढ़ में क्षतिग्रस्त हो गया था। इसका दोबारा निर्माण किया गया है। यहां आयोजित कार्यक्रम में उपराज्यपाल ने कहा कि बीते दो-तीन दिनों में कानूनी प्रक्रिया के तहत कुछ निर्णय लिए गए हैं, जिन्हें लेकर कुछ लोग गफलत फैला रहे हैं। इसलिए अब स्पष्ट करता हूं कि प्रदेश प्रशासन किसी तरह का कोई सपंत्ति कर नहीं लगा रहा है। हालांकि, अगर आपके प्रतिनिधि, स्थानीय निकाय आपकी सुविधाओं के विकास के लिए कोई कर लगाने का फैसला लेते हैं तो मेरी राय में किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उपराज्यपाल ने कहा कि दो दिन पहले ही जम्मू कश्मीर पंचायत राज अधिनियम 1989 में संशोधन किया गया है ताकि जिला विकास परिषदों का गठन हो। इस पर कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि पंच-सरपंचों को मासिक भत्ता और मानदेय बंद कर दिया जाएगा। सिन्हा ने कहा कि यह महज अफवाह है। पंचायत प्रतिनिधियों को जो भत्ता मिलता है, वह जारी रहेगा। इसमें जल्द ही बढ़ाया भी जाएगा। जरूरतों को पूरा करने का अभियान: उपराज्यपाल ने कहा कि मेरा शहर मेरी शान का लक्ष्य शहरी आबादी तक प्रशासनिक पहुंच बनाना है। शहरी निकायों को सशक्त बनाना है। जनता को सेवा-सुविधाएं उनके द्वार पर उपलब्ध कराना है। यह कोई नया कार्यक्रम नहीं है, बल्कि मौजूदा जरूरतों को पूरा करने और मुद्दों पर चर्चा कर उनके हल करने का अवसर है। इससे जनआकांक्षाओं का पता चलेगा, जिससे ग्रामीण-शहरी भागीदारी पर विकास योजनाओं को तैयार करने में मदद मिलेगी। जारी रकम से बनेंगे पार्किंग स्थल: उपराज्यपाल ने बताया कि अभियान के तहत प्रत्येक नगर परिषद को मौजूदा विकास कार्यो को पूरा करने के लिए एक करोड़ दिए गए हैं। वहीं नगर कमेटियों को 50-50 लाख और नगर निगमों को पांच-पांच करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस रकम का कुछ हिस्सा शहरों में स्ट्रीट लाइट लगाने और पार्किंग स्थलों बनाने में इस्तेमाल होगी। कारोबारी माहौल बेहतर बनाना भी लक्ष्य: मनोज सिन्हा ने कहा कि हमें स्टार्टअप पर काम करना है। कृषि व संबंधित गतिविधियों में निजी निवेश की संभावनाएं तलाशनी हैं। कारोबारी माहौल बेहतर बनाना है। उपराज्यपाल ने कोरोना से प्रभावित कारोबारियों व आम लोगों के लिए घोषित पैकजों और प्रदेश प्रशासन द्वारा लागू उपायों में खामियां दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं। कोल्ड स्टोरेज के लिए मिलेगी मदद
जलजीवन मिशन के तहत बारामुला को आवंटित 883 करोड़ में से 46 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। अगले दो माह में दो जल शोधन सयंत्र तैयार हो जाएंगे। यहां सेब खूब पैदा होता है, इसलिए प्रसंस्करण इकाइयां (कोल्ड स्टोरेज) लगाने के लिए सरकारी सहायता और सब्सिडी दी जाएगी। बीते साल नीति आयोग के आकांक्षी जिलों बारामुला पहले स्थान पर था। उपराज्यपाल ने वुशु की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी जबीना अख्तर की तारीफ की। उन्होंने कहा कि बारामुला में पहले ही एक इंडोर स्टेडियम व दो मैदान हैं। इसके बावजूद नगर निकाय खेलों के लिए मैदान चिन्हित कर प्रत्येक वार्ड में खेल सामान वितरित करें।