J&K: LG मनोज सिन्हा ने कहा- पर्यटन स्थलों पर बनेंगे आयुष वेलनेस सेंटर, आयुर्वेद का खजाना है जम्मू कश्मीर
जम्मू कश्मीर में पांच स्पेशल आयुष वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। इस बात की जानकारी उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने दी है। उन्होंने कहा कि 50-50 बिस्तरों की क्षमता वाले यह अस्पताल जम्मू प्रांत के तीन और कश्मीर प्रांत के दो जिलों में होंगे।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर का आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में सदियों से योगदान रहा है। यहां पांच स्पेशल आयुष वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे। ये बात उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजन किए गए एक कार्यक्रम के दौरान कही है। उन्होंने कहा कि 50-50 बिस्तरों की क्षमता वाले यह अस्पताल जम्मू प्रांत के तीन और कश्मीर प्रांत के दो जिलों में होंगे।
इसके अलावा प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटनस्थलों पर छह स्पेशल आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें से तीन क्रियाशील भी हो चुके हैं। इसके बाद मार्च 2024 के अंत तक 129 हैल्थ और वेलनेस सेंटर पूरी तरह से स्थापित कर क्रियाशील बना लिए जाएंगे। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कुलगाम, कठुआ, किश्तवाड़, कुपवाड़ा और सांबा जिला में एक-एक एकीकृत आयुष अस्पताल बनाया जाएगा।
अस्पतालों में मिलेंगी ये सुविधाएं
इन अस्पतालों में आयुर्वेद, योग,यूनानी, सिद्धा और होमियोपैथी पद्धति से उपचार की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने साल 2020 में कोविड से उपजे हालात के बीच प्रदेश की आधी आबादी को आयुष इम्यूनिटी बूस्टर व आवश्यक दवाओं के सफल वितरण का जिक्र करते हुए बताया जम्मू कश्मीर में आयुषमान भारत डिजिटल मिशन भी शुरु किया गया है।
जम्मू कश्मीर है जड़ी बूटियों का खजाना: सिन्हा
उन्होंने कहा, "आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में जम्मू कश्मीर का सदियों से महत्व रहा है और इसे नजर अंदाज नही किया जा सकता। कल्हन की राजतंरगिनी में बताया गया है कि उस समय कश्मीर में अपने समय का सबसे उन्नत और विशेषज्ञ आयुर्वेदिक चिकित्सा संस्थान था। कल्हण ने कश्मीर में आयुर्वेदिक दवाइयों और उनकी निर्माण में जुड़ी विभिन्न इकाइयों का भी उल्लेख किया है। जम्मू कश्मीर में उपलब्ध औषधीय पौधों व जड़ी बूटियों का खजाना है जिसे देखते हुए हम आयुष में उद्यमिता और स्टार्टअप को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।"
बेहतर मेडिकल सुविधाएं देने की कोशिश
उपराज्यपाल ने कहा कि परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों को प्रोत्साहित करने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अखनूर में राजकीय आयुर्वेद चिकित्सा कालेज और गांदरबल में यूनानी चिकित्सा कालेज स्थापित किया गया है। यह चिकित्सा संस्थान न सिर्फ मरीजों को बेहतर उपचार सुविधा प्रदान करने में सहायक होंगे बल्कि हर साल 35-60 डॉक्टर भी तैयार करेंगे।
उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए पहलगाम, गुलमर्ग, सोनमर्ग, पटनीटॉप, कटरा और गोल्फ कोर्स जम्मू व श्रीनगर में छह विशेष आयुष वेलनेस सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। तीन केंद्र बनकर न सिर्फ तैयार हो चुके हैं बल्कि क्रियाशील भी हैं।