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लद्दाख में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की शिकायत पर सैन्य प्रशासन ने शुरू की जांच

राज्य ब्यूरो श्रीनगर लद्दाख प्रांत की संसदीय सीट के लिए हुए मतदान में पोस्टल बैलेट में गड़बड़

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 May 2019 08:01 AM (IST)Updated: Mon, 13 May 2019 06:30 AM (IST)
लद्दाख में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की शिकायत पर सैन्य प्रशासन ने शुरू की जांच
लद्दाख में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की शिकायत पर सैन्य प्रशासन ने शुरू की जांच

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : लद्दाख प्रांत की संसदीय सीट के लिए हुए मतदान में पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की आशंका की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए सैन्य प्रशासन ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है। जांच का जिम्मा मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी को सौंपा गया है।

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लेह व कारगिल जिले पर आधारित लद्दाख संसदीय सीट के लिए छह मई को मतदान हुआ था। इस सीट के लिए दूरदराज क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए चार हजार पोस्टल बैलेट जारी किए गए थे। कहा जा रहा है कि इनमें से करीब एक हजार ही मतदान वाले दिन संबंधित जिला चुनाव अधिकारी ने उचित माध्यम से प्राप्त किए थे। गत दिनों लद्दाख संसदीय सीट पर भाग्य आजमा रहे विभिन्न उम्मीदवारों ने संबंधित चुनाव अधिकारी अवनी लवासा को पोस्टल बैलेट में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए शिकायत की थी। उन्होंने दावा किया था कि कुछेक जगहों पर सेना के वरिष्ठ अधिकारी कथित तौर पर जवानों को किसी दल विशेष के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित कर रहे हैं। इन शिकायतों का संज्ञान लेते हुए अवनी लवासा ने गत रोज सेना को एक पत्र लिखकर मतदान की निष्पक्षता को यकीनी बनाए रखने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि उनके पास पोस्टल बैलेट में धांधली की आशंका की शिकायतें आ रही हैं। सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने को आधारहीन आरोप :

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि लगता है कि कुछ राजनीतिक दलों के नेताओं ने सेना के जवानों द्वारा डाले जाने वाले पोस्टल बैलेट में धांधली की आशंका की शिकायत की है, लेकिन धांधली का स्पष्ट उल्लेख करने वाली कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने कहा कि सेना एक गैर राजनीतिक और पूरी तरह पेशेवर संस्था है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों में यकीन रखती है। उन्होंने बताया कि लेह की चुनाव अधिकारी अवनी लवासा द्वारा लिखे गए पत्र के आधार पर सैन्य प्रशासन ने लेह सब एरिया के जीओसी को पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा है। शुरुआती जांच में कहीं भी शिकायतें सही नजर नहीं आई है। ऐसा लगता है कि सेना की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए कुछ लोगों ने आधारहीन व तथ्यहीन आरोप लगाए हैं। सैन्य प्रशासन इस मामले की गहराई तक जांच कर रहा है। जांच में पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता को बरता जा रहा है।


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