Move to Jagran APP

Kashmir Supermom की दसवीं : 10 साल चूल्हा चौका तक सिमटी रही जिंदगी, अब कदम आगे बढ़ाए तो नजीर बन गई

Kashmir Supermom Sabrina Khalik उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे कुपवाड़ा जिले का गांव है आवूरा। जिला कुपवाड़ा को जम्मू कश्मीर में महिला साक्षरता दर के मामले में सबसे निचले पायदान पर है। सबरीना की शादी भी 10 साल पहले इसी गांव में हुई थी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 15 Sep 2022 05:30 AM (IST)Updated: Thu, 15 Sep 2022 07:57 AM (IST)
Kashmir Supermom की दसवीं : 10 साल चूल्हा चौका तक सिमटी रही जिंदगी, अब कदम आगे बढ़ाए तो नजीर बन गई
अपने तीन बच्‍चों के साथ कुपवाड़ा के गांव निवासी सबरीना। उसने दसवीं में 93 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए।

नवीन नवाज, श्रीनगर। दस साल चूल्हा-चौका ही उसकी जिंदगी थी और परिवार व बच्चे ही उसकी दुनिया। एक हंसते-खेलते परिवार में रह रही कश्मीर के कुपवाड़ा के गांव की निवासी सबरीना खालिक के पास कहने को सब खुशियां थी पर मन में एक टीस बार-बार उठती थी पर परिवार की जिम्मेवारियां उसे रोक लेती। छोटी उम्र में शादी के कारण दसवीं की पढ़ाई छोडऩी पड़ी थी। ससुराल में सब पढ़े-लिखे थे। पति सरकारी स्कूल में शिक्षक, तीनों ननद ग्रेजुएट। ऐसे में वह सोचती काश यह पढ़ाई पूरी कर पाती।

loksabha election banner

एक दिन हौसला कर सास से दिल की बात कह दी तो उसने हौसला बढ़ाया। पति भी मदद को तत्पर हो गया और तीन बच्चों की मां सबरीना पूरी लगन से दसवीं की परीक्षा की तैयारी में जुट गई। मंगलवार को घोषित कश्मीर में दसवीं के परीक्षा परिणाम में 93 प्रतिशत अंक हासिल कर वह जैसी लाखों महिलाओं के लिए नजीर बन गई। जिला प्रशासन उसे अब प्रौढ़ शिक्षा और पढ़ाई छोड़ चुके छात्रों व लोगों को फिर से शिक्षा से जोडऩे की मुहिम का ब्रांड अंबेस्डर बनाने पर विचार कर रहा है।

उत्तरी कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे कुपवाड़ा जिले का गांव है आवूरा। जिला कुपवाड़ा को जम्मू कश्मीर में महिला साक्षरता दर के मामले में सबसे निचले पायदान पर है। सबरीना की शादी भी 10 साल पहले इसी गांव में हुई थी। शादी के कारण उसे अपनी पढ़ाई छोडऩी पड़ी। अब उसके तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी आठ साल और छोटी बेटी छह साल की है। सबसे छोटा बेटा है जो अभी गोद में ही खेलता है।

सबरीना ने कहा कि पहले लगा कि यह मुश्किल है, क्योंकि 10 साल से किताबों से नाता टूट चुका था। जब मैने अपनी सास से बात की तो वह बहुत खुश हुई। पूरे परिवार ने कहा कि चलो आगे बढ़ो। मेरी सास ने ही परीक्षा के लिए फार्म लाकर दिया। मैंने तैयारी शुरू कर दी। मै नियमित छात्रा नहीं थी, मैंने प्राइवेट छात्रा के रूप में 10वीं की परीक्षा दी। सबरीना ने बताया कि पति गणित पढ़ाते थे और इससे सब आसान हो गया। ननदेंं भी सहयोग करती रही।

पति बोले, मुझे फख्र

उसके पति सज्जाद अहमद डार ने कहा कि मुझे सबरीना पर फख्र है। हमारी शादी छोटी उम्र में हुई थी। उसने अपनी जिंदगी के 10 बेहतरीन साल मेरे परिवार को संभालने में दिए हैं। कई बार मुझे बुरा लगता था कि उसकी पढ़ाई छूट गई, लेकिन अब अच्छा लग रहा है। सज्जाद ने कहा कि हम दोनों की शादी वर्ष 2012 में हुई थी। हमारा प्रेम विवाह है। सबरीना ने कहा कि पहले मुझे कुछ हिचक होती थी किसी को अपनी पढ़ाई के बारे में बताने में। अब इस परिणाम से मेरे अंदर एक नया विश्वास पैदा हुआ है।

आसान नहीं था पढ़ाई और परिवार में समायोजन

सज्जाद ने कहा कि जब सबरीना ने दोबारा पढ़ाई शुरु की तो उसे काफी मुश्किल आई। बच्चों को संभालने और घर के काम बाद वह पढ़ाई के लिए समय निकालती थी। उसने 500 में से 467 अंक प्राप्त किए हैं। उसे ए1 ग्रेड मिला है।

डीसी बोले, शिक्षा छोड़ चुके लोगों के लिए मिसाल

कुपवाड़ा के जिला उपायुक्त डी सागर दत्तात्रेय ने कहा कि जिला प्रशासन सबरीना को उसकी उपलब्धि पर सम्मानित करने जा रहा है। सबरीना को प्रोत्साहन की जरुरत है। हम चाहते हैं कि वह उन सभी लोगों के लिए हमारी एक ब्रांड अंबेस्डर बने जिन्होंने किन्हीं कारणो से अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। वह फिर से शिक्षा शुरू करने वालों के लिए एक नजीर है।

जून-जुलाई में होती है परीक्षा

जम्मू कश्मीर में सर्दियों और गर्मियों के लिए अलग-अलग अकादमिक सत्र होते हैं। कश्मीर घाटी समेत प्रदेश के सभी पहाड़ी इलाकों में 10वीं और 12वीं की वार्षिक बोर्ड परीक्षाएं नवंबर से जनवरी के बीच होती हैं जबकि परिणाम फरवरी-मार्च में आता है। 10वीं और 12वीं की प्राइवेट वार्षिक परीक्षा जून-जुलाई में होती है। इस वर्ष जम्मू कश्मीर बोर्ड की प्राइवेट परीक्षा में 10वीं में 25078 छात्र शामिल हुए। इनमें से मात्र 8934 ही पास हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.