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Kashmir Situation: एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने पहुंचा नमाजियों का हजूम

प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और उसके बाद दो दिन पहले जामिया मस्जिद में करीब 136 दिन बाद नमाज ए जौहर हुई थी।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Fri, 20 Dec 2019 01:41 PM (IST)Updated: Fri, 20 Dec 2019 03:58 PM (IST)
Kashmir Situation: एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने पहुंचा नमाजियों का हजूम
Kashmir Situation: एतिहासिक जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा पढ़ने पहुंचा नमाजियों का हजूम

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। कश्मीर घाटी में स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के दावों पर मुहर लगाते हुए शुक्रवार को ग्रीष्मकालीन राजधानी के डाउन-टाउन स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद नौहट्टा में आज नमाज-ए-जुम्मा संपन्न हुई है। करीब 19 शुक्रवारों से जामिया मस्जिद में एक दिन भी नमाज नहीं हुई अौर न मस्जिद के किवाड़ नमाजियों के खुल रहे थे।

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श्रीनगर के डाउन-टाउन स्थित एतिहासिक जामिया मस्जिद की कश्मीर की सियासत में शुरू से ही बहुत अहमियत है। उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के चेयरमैन मीरवाइज मौलवी उमर फारूक इसी मस्जिद में शुक्रवार को नमाज-ए-जुम्मा से पूर्व अपना खुतबा देते हुए जिहाद, आजादी और खुदमुख्तारी के नारे की सियासत को आगे बढ़ाते थे। शुक्रवार को नमाज-ए-जुम्मा के बाद इसी मस्जिद के बाहर राष्ट्रविरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच शरारती तत्व आतंकियों के पोस्टर और पाकिस्तानी झंडे लहराते थे। हिंसक प्रदर्शनों की शुरुआत भी यही से हुआ करती थी।

पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित किए जाने के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर पूरी वादी में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासनिक पाबंदियों को लागू कर दिया था। इसी के तहत हुर्रियत कांफ्रेंस समेत विभिन्न अलगाववादी दलों और मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों के सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। अलगाववादियों ने इसके साथ ही बंद भी लागू कराना शुरू कर दिया। इसका असर जामिया मस्जिद में नमाज-ए-जुम्मा पर भी हुआ। शुरू में दावा किया जाता रहा कि प्रशासनिक पाबंदियों के चलते लोग मस्जिद में नहीं पहुंच पा रहे हैं, लेकिन करीब एक माह पहले प्रशासन ने इस इलाके में भी प्रशासनिक पाबंदियों को पूरी तरह हटा लिया था।

पाबंदियों को हटाए जाने के बावजूद मस्जिद में नमाज नहीं हो रही थी। प्रशासन ने नमाज की बहाली के लिए कई बार मीरवाइज मौलवी उमर फारुक और मस्जिद प्रबंधकों से संपर्क किया था, लेकिन नमाज के लिए मस्जिद नहीं खुली। संबधित सूत्रों ने बताया कि मीरवाईज मौलवी उमर फारुक जाे इस मस्जिद के प्रमुख हैं, के तथाकथित इशारे पर ही मस्जिद में नमाज नहीं हो रही थी। प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और उसके बाद दो दिन पहले जामिया मस्जिद में करीब 136 दिन बाद नमाज ए जौहर हुई थी।

आज सुबह से ही पूरी वादी में जामिया मस्जिद में नमाज ए जुम्मा को लेकर विभिन्न तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही थी। कई लोग दावा कर रहे थे कि नमाज नहीं होगी और प्रशासन भी शाायद ही अनुमति दे,क्येांकि हिंसा की आशंका है। अलबत्ता, आज ऐसा कुछ नहीं हुआ। जामिया मस्जिद के किवाड़ सुबह ही खुल गए और लाेग दोपहर को नमाज-ए-जुम्मा के लिए पहुंचने लगे। नमाज बिना किसी रुकावट के संपन्न हुई।


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