कश्मीर बंद, सामान्य जनजीवन प्रभावित
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में शनिवार को नागरिक मौतों और जामिया मस्जिद की मर्यादा को
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : कश्मीर में शनिवार को नागरिक मौतों और जामिया मस्जिद की मर्यादा को भंग किए जाने के खिलाफ बंद पूरी तरह प्रभावी रहा। इस दौरान अलगाववादियों द्वारा प्रस्तावित रोष प्रदर्शनों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को गिरफ्तार करने के अलावा उदारवादी हुíरयत प्रमुख मीरवाइज मौलवी उमर फारूक, इंजीनियर हिलाल वार, जावेद मीर, प्रो. अब्दुल गनी बट, कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी व मोहम्मद अशरफ सहराई समेत सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को उनके घरों में नजरबंद रखा।
बंद के मद्देनजर प्रशासन ने बनिहाल-श्रीनगर-बारामुला रेल सेवा को भी एहतियातन बंद रखा। प्रशासन ने सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस व अर्धसैनिकबलों की अतिरिक्त टुकड़ियां तैनात कर रखी थी, लेकिन श्रीनगर के डाउन-टाउन के अलावा अन्यत्र कहीं कोई पाबंदी या निषेधाज्ञा नहीं थी।
मीरवाइज और यासीन मलिक के साथ गिलानी ने डाउन-टाउन स्थित आलीकदल मस्जिद से ईदगाह तक एक जुलूस की अगुआई का भी एलान किया था। लेकिन मलिक की गिरफ्तारी और मीरवाइज समेत अन्य अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों और ईदगाह मार्च के अलगाववादियों के मंसूबे को पूरी तरह नाकाम बना दिया।
अलबत्ता, बंद का असर सुबह से ही पूरी वादी में नजर आया। सभी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के अलावा बैंक व शिक्षण संस्थान भी बंद रहे। सरकारी कार्यालय खुले थे, लेकिन कर्मचारियों की उपस्थिति पर बंद का असर पूरा नजर आया। सार्वजनिक वाहनों की आवाजाही भी भीतरी इलाकों में पूरी तरह ठप रही। लेकिन अंतर जिला सड़कों और श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर इक्का-दुक्का सार्वजनिक वाहन जरूर नजर आए। निजी वाहनों की आवाजाही भी नाममात्र रही।
पुलिस नियंत्रण कक्ष श्रीनगर में मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने फोन पर बताया कि श्रीनगर के कुछेक हिस्सों में हुई पथराव की छिटपुट घटनाओं के अलावा वादी में स्थिति लगभग सामान्य रही है। बंद का असर भी शहरी इलाकों और कस्बों में ही ज्यादा नजर आया है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही लगभग सामान्य रही है।
गौरतलब है कि हुíरयत समेत तमाम कश्मीरी अलगाववादी संगठनों के साझा मंच ज्वाइंट रजिस्टेंस लीडरशिप (जेआरएल) ने वादी में कानून व्यवस्था की स्थिति और आतंकवादरोधी अभियानों में सुरक्षाबलों की कार्रवाई के दौरान आम लोगों के मारे जाने और गत सप्ताह ¨हसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के दौरान सुरक्षाबलों द्वारा दागे गए आंसूगैस के गोलों के जामिया मस्जिद में गिरने के खिलाफ कश्मीर बंद का आह्वान किया था। जेआरएल ने बंद को कामयाब बनाने की अपील करते हुए लोगों से आग्रह किया था कि वह कश्मीरियों के हक ए आजादी के लिए जारी संघर्ष व हड़ताल के दौरान देश विरोधी प्रदर्शन भी करें।