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जम्मू-कश्मीर: तालियों और किक के बीच दम तोड़ता नजर आया आतंक का खौफ

जिस शहर में दिन का शोर- शराबा अंधेरा होते ही डराने वाले सन्नाटे में बदल जाता हो वहां मंगलवार रात लोगों की सीटियां और तालियां गूंजती रहीं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 20 Jun 2019 12:34 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jun 2019 12:34 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर: तालियों और किक के बीच दम तोड़ता नजर आया आतंक का खौफ
जम्मू-कश्मीर: तालियों और किक के बीच दम तोड़ता नजर आया आतंक का खौफ

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जिस शहर में दिन का शोर- शराबा अंधेरा होते ही डराने वाले सन्नाटे में बदल जाता हो, वहां मंगलवार रात लोगों की सीटियां और तालियां गूंजती रहीं। यह शोर लालचौक से महज दो किलोमीटर दूर पर स्थित टीआरसी फुटबाल मैदान से आ रहा था। यह भीड़ मैदान में फ्लडलाइट्स लगने के बाद पहली बार रात में होने वाले फुटबाल के प्रदर्शन मैच को देखने के लिए जमा हुई थी। मैदान में फ्लडलाइट्स ने हिंसा और डर के अंधेरे को भगा दिया।

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फुटबाल स्टेडियम का मंगलवार रात औपचारिक उदघाटन हुआ। इस मौके पर पहला मैच जेके स्टार्स इलेवन व इंडियन स्टार्स इलेवन के बीच खेला गया। भारतीय फुटबाल के दिग्गज और राष्ट्रीय टीम के पूर्व खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया, रेनेडी सिंह और मेहराजुदीन वडू मैदान पर फुटबाल को किक मारते नजर आए। मंगलवार रात टीआरसी फुटबाल स्टेडियम में फ्लडलाइट्स सुविधा का उदघाटन किया। इसके बाद मैदान पर फुटबाल खिलाड़ी उतरे। सिर्फ श्रीनगर से ही नहीं, आसपास के शहरों और कस्बों से भी बड़ी संख्या में फुटबाल प्रेमी अपने अंदर के डर को बाहर निकाल कर स्टेडियम के भीतर प्रदर्शन मैच देखने के लिए पहुंचे थे।

ऐतिहासिक रहा लम्हा : मैच देखने पहुंचे फुटबाल प्रेमी फैयाज अहमद का कहना था कि यह उनके जैसे लोगों के लिए एक ऐतिहासिक और खुशी का लम्हा है। ऐसे में वह इसका गवाह बनने से खुद को नहीं रोक पाए। फैयाज ने कहा कि उनकी पत्नी ने हालात का हवाला देते हुए, उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा कि आज नहीं तो फिर कभी नहीं। यह एक शुरुआत हो रही है, ऐसे में हमें उसका हिस्सा बनना चाहिए। इस तरह की सुविधाएं और भी होनी चाहिए। दशर्क दीर्घा में अख्तर हुसैन ने कहा कि यहां सिर्फ फुटबाल का मैच नहीं हो रहा है, हमारा सपना साकार हुआ है। यह दुनिया के फुटबॉलरों को यहां आकर खेलने का न्योता है।

मैच शुरू होने तक खचाखच भर गया था स्टेडियम : राज्य के खेल सचिव आयुक्त सरमद हफीज का कहना था कि हमें पहले लगा कि यहां जो हालात हैं, उसमें मैच देखने के लिए कुछ ही लोग आएंगे, लेकिन 15 हजार की क्षमता वाला यह स्टेडियम मैच शुरू होते ही भर गया। इससे यहां के लोगों में फुटबाल से लगाव को समझा जा सकता है। इससे यह भी कह सकते हैं कि आम कश्मीरी जो हिंसा और डर के कारण शाम होते ही घर की चहारदीवारी में सिमट जाता है, अब वह बैखौफ होकर खुलकर अपनी जिंदगी जीने के लिए घर से बाहर निकलने को तैयार हो रहा है। यह कश्मीर में बदलते हालात का सुबूत है। इसे सुरक्षा परिदृश्य में सुधार के साथ भी जोड़ कर देखा जाना चाहिए।

कश्मीर के युवाओं में है फुटबाल के लिए जुनून: सलाहकार

राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार का कहना था कि जब वह मैदान में आए तो उनको लगा कि यह महज उदघाटन की एक रस्म भर होगी, लेकिन जब उन्होंने वहां फुटबाल प्रेमियों की भीड़ देखी, मैच को लेकर जुनून देखा तो उनके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों में फुटबाल को लेकर जुनून है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे खेल को अपने जुनून को पालें और इसमें अपने भविष्य संवारें। उनका कहना था कि कश्मीर के युवा खेल के जरिए अपना और राज्य का भविष्य बदल सकते हैं। 

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