25 करोड़ से अधिक का निर्यात, आयकर शून्य
एक प्रतिष्ठान 25 करोड़ से अधिक का निर्यात कर रहा है पर उसने आयकर देना तो दूर रिटर्न ही दाखिल नहीं की। जांच के दौरान बड़े पैमाने पर अघोषित आय संपत्ति और बेनामी लेन-देन के भी सुबूत मिले हैं। यह छापे श्रीनगर और कुपवाड़ा में व्यापारिक प्रतिष्ठानों और व्यापारियों के घरों पर मारे गए।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : केंद्रीय जांच एजेंसियों संग आयकर विभाग ने बुधवार को नियंत्रण रेखा के रास्ते गुलाम कश्मीर से व्यापार से जुड़े प्रमुख व्यापारियों के ठिकानों पर छापे मारकर करोड़ों की कर चोरी पकड़ी है। एक प्रतिष्ठान 25 करोड़ से अधिक का निर्यात कर रहा है पर उसने आयकर देना तो दूर, रिटर्न ही दाखिल नहीं की। जांच के दौरान बड़े पैमाने पर अघोषित आय, संपत्ति और बेनामी लेन-देन के भी सुबूत मिले हैं। यह छापे श्रीनगर और कुपवाड़ा में व्यापारिक प्रतिष्ठानों और व्यापारियों के घरों पर मारे गए। एनआइए और ईडी भी क्रॉस एलओसी ट्रेड में टेरर फंडिंग और हवाला कोराबार की जांच कर रहे हैं और कई बड़े व्यापारियों से पूछताछ चल रही है।
बताया गया है कि जांच टीम ने बैंक लेन-देन के दस्तावेज, कुछ बही-खाते, पेन ड्राइव और लैपटाप जब्त किए गए हैं। यह छापामारी सुबह छह बजे शुरू हुई और दोपहर तक जारी रही।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा जारी बयान के अनुसार तीन व्यापार समूहों की जांच में बड़ी गड़बड़ियां पकड़ी गई। करोड़ों के लेन-देन के बावजूद आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की गई और जहां दाखिल की गई, उसमें बड़ी गड़बड़ियां मिलीं। इसके अलावा नियंत्रण रेखा के रास्ते व्यापार में बड़े पैमाने पर कर चोरी की गई है।
अधिकारियों के अनुसार एक व्यापारी पुलवामा धमाके के बाद रोक लगने तक क्रॉस एलओसी ट्रेड में पर शामिल रहा और इसके बावजूद उसने आयकर रिटर्न दाखिल नहीं की। इतना ही नहीं उसके नाम से दो सक्रिय पैन नंबर चल रहे हैं। जांच में सामने आया कि उसने अपनी फर्म से 25 करोड़ से अधिक का निर्यात किया पर आयकर दाखिल नहीं किया गया। इतना ही नहीं वह पाकिस्तान में अपने एक बच्चे की मेडिकल की पढ़ाई पर भी लाखों रुपये खर्च कर चुका है।
दूसरे मामले में व्यापारी और उसका भाई गुलाम कश्मीर से ट्रेडिंग कर रहे थे और उन्होंने दो साल में तीन करोड़ का निर्यात किया। उसने केवल एक साल का आयकर रिटर्न दाखिल किया। वह भी केवल खानापूर्ति के लिए। आयकर रिटर्न का उसके बैंक खातों से करोड़ों के लेन-देन से मिलान नहीं होता।
अधिकारियों ने बताया कि क्रॉस एलओसी ट्रेड पर रोक के बावजूद अवैध व्यापार के दस्तावेज भी मिले हैं। एक व्यापारी के पासपोर्ट से स्पष्ट है कि वह 2017 से हर वर्ष पाकिस्तान जा रहा है और वहां 20 से 25 दिन ठहरा भी है, उसके बावजूद उसके खर्चो के स्रोत का विवरण गायब है।
जांच के बाद नियंत्रण रेखा के आरपार सब्जियों और फलों के व्यापार से जुड़े समूह के पास 15 लाख की अघोषित नकदी बरामद की गई है। इस समूह की कई इकाइयों के लेन-देन का पूर्ण विवरण आयकर रिटर्न में नहीं है। इस समूह के एक साझीदार ने कभी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया लेकिन उससे 10 करोड़ से अधिक लेन-देन के दस्तावेज मिले हैं।
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एक साझीदार बोला, मेरा तो केवल नाम चल रहा है
एक फर्म के एक साझीदार ने जांच एजेंसियों के समक्ष स्वीकारा कि केवल उसका नाम इस्तेमाल किया जा रहा है और वह व्यापार में शामिल नहीं है। ऐसे में यह मामला बेनामी लेन-देन का लगता है और उसकी जांच भी की जा रही है। इसके अलावा एक लॉकर भी मिला है और उसकी जांच अभी की जानी है। अधिकारियों के अनुसार इसमें भी काफी कुछ जानकारी मिल सकती है।