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दुश्मनों को मिट्टी में मिलाने को हिलोरे मार रहा जवानों का जोश

जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पाकिस्तान चीन के सामने सीने ताने खड़ी भारतीय सेना का दुश्मन को मिट्टी में मिलाने का जज्बा शुक्रवार सेना दिवस पर जोश मारेगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 05:57 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 05:57 AM (IST)
दुश्मनों को मिट्टी में मिलाने को हिलोरे मार रहा जवानों का जोश
दुश्मनों को मिट्टी में मिलाने को हिलोरे मार रहा जवानों का जोश

राज्य ब्यूरो, जम्मू : जम्मू कश्मीर और लद्दाख में पाकिस्तान, चीन के सामने सीने ताने खड़ी भारतीय सेना का दुश्मन को मिट्टी में मिलाने का जज्बा शुक्रवार सेना दिवस पर जोश मारेगा। सेना की उत्तरी कमान के साथ पश्चिमी कमान उन शहीदों से प्रेरणा लेगी जिन्होंने देश की आन-बान और शान के लिए प्राणों की कुर्बानी दी। मुख्य कार्यक्रम सेना की उत्तरी कमान मुख्यालय ऊधमपुर में होगा। आतंकवाद विरोधी अभियान में बहादुरी के लिए वीरता पदकों से सम्मानित किया जा सकता है।

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सुबह उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिग इन चीफ लेफ्टनिनेंट जनरल वाईके जोशी शहीदों को श्रद्धसुमन अर्पित करने के साथ सेना के बहादुरों को सम्मानित करेंगे। राज्य में 73 वर्षो से चुनौतीपूर्ण हालात में काम कर रही है। चीन, पाकिस्तान से युद्धों में लोहा लेने के साथ तीन दशकों से आतंकवाद को खत्म कर स्थायी शांति कायम करने की मुहिम जारी है। सेना लोगों के सुख दुख के साथी के रूप में मुश्किलों को दूर करने के लिए लगातार अभियान चला रही है। शहीदों की कुर्बानियों को याद कर उनके पद्चिन्हों पर चलते हुए देश के दुश्मनों को नाकाम बनाने का प्रण लिया जाएगा। सेना दिवस पर उत्तरी कमान मुख्यालय ऊधमपुर के साथ सेना की 14, 15 व 16 कोर मुख्यालयों में भी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। जम्मू की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाली सेना की पश्चिमी कमान सेना दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। गौरतलब है कि 73 साल पहले भारतीय सेना की कमान अंग्रेजों के जनरल से भारतीय जनरल के हाथ में आई थी। 15 जनवरी 1948 को जनरल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर-इन-चीफ बने थे। उन्होंने देश के अंतिम अंग्रेज जनरल फ्रांसिस बुचर से सेना की कमान संभाली थी। सेना इस दिन को धूमधाम से मनाती है। शहीदों की याद में श्रीनगर में 17 को गूंजेगा शौर्य बैंड

नगरोटा की रीमा देवी के नेतृत्व में 10 युवा कलाकारों का शहीदों को श्रद्धांजलि देता संगीत श्रीनगर की वादियों में गूंजेगा। मौका होगा वर्ष 1971 के युद्ध की गोल्डन जुबली के उपलक्ष्य में 17 जनवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में होने वाले शहीदों की याद में कार्यक्रम शौर्य का। सभी युवा कलाकार सेना की टैलेंट प्रतियोगिता में चुने गए थे। बैंड में इकलौती लड़की रीमा देवी नगरोटा के जिन्द्राह गांव की हैं। रीमा के साथ जम्मू के गायक रघुजीत सिंह, ड्रमर राजेन्द्र कुमार, वायलन वादक शुभाहित गुप्ता व ढोलक वादक राहुल शामिल हैं। कश्मीर से चुने गए कलाकारों में गायक अनीस युसूफ, रबाब वादक अदनान मंसूर, गिटार वादक आसिफ फेयाज, संतूर वादक उमर मजीद, कीबोर्ड प्लेयर मंसूर मुश्ताक शामिल हैं। युवाओं में टैलेंट की पहचान करने के लिए सेना का चार दिवसीय टेलेंट हंट 7 से 11 जनवरी तक श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर व जम्मू के रेडिसन ब्लू होटल में चला था। 350 कलाकारों ने हिस्सा लिया। उनमें से 10 शौर्य बैंड के लिए चुने गए। सेना की 16 कोर की क्रासड स्वार्डस डिवीजन ने टैलेंट हंट को कामयाब बनाने में सराहनीय भूमिका निभाई। डिवीजन ने प्रदेश के दूरदराज इलाकों में छिपी प्रतिभा को तलाशने के साथ उसे अपने कला को सामने लाने के लिए एक मंच उपलब्ध करवाया। डिवीजन के अधिकारियों को रीमा की पहचान कर उसकी प्रतिभा को निखारने के लिए भी काम किया।


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