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एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास में 18 साल से सक्रिय आतंकी नजार उड़ी में मारा गया

अधिकारियों ने बताया कि 15 लाख के इनामी क्यूम नजार का मारा जाना बहुत बड़ी कामयाबी है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 27 Sep 2017 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 27 Sep 2017 01:25 PM (IST)
एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास में 18 साल से सक्रिय आतंकी नजार उड़ी में मारा गया
एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास में 18 साल से सक्रिय आतंकी नजार उड़ी में मारा गया

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। कश्मीर घाटी में दो साल पहले मोबाईल फोन नेटवर्क को लगभग ठप करने और एक दर्जन के करीब लोगों को मौत के घाट उतार,सनसनी फैला देने वाला दुर्दांत आतंकी क्यूम नजार मंगलवार की सुबह उत्तरी कश्मीर के उड़ी सेक्टर में एलओसी पर घुसपैठ के प्रयास में मारा गया। लेकिन उसके दो अन्य साथी वापस भाग निकले। 

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लगभग 18 साल से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय क्यूम नजार ने पहले लश्कर-ए-ताईबा के लिए काम करता था। बाद में वह हिजबुल मुजाहिदीन के साथ मिल गया। लेकिन सल्लाहुदीन के साथ मतभेद पैदा होने के बाद वर्ष 2015 में उसने लश्कर-ए-ताईबा और जैश-ए- मोहम्मद व तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के साथ मिलकर लश्कर-ए-इस्लाम की कश्मीर में नींव रखी थी। इसके बाद उसने कश्मीर में मोबाईल नेटवर्क को निशाना बनाने के साथ साथ सुरक्षाबलों के लए काम करने वाले कई ग्रामीणों के साथ साथ हुर्रियत के कई नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को भी मुखबिरी के संदेह में मौत के घाट उतारा था। 

सुरक्षाबलों का दबाब पडऩे पर वह अक्तूबर 2015 में वह भूमिगत हो गया और कुछ समय बाद वह गुलाम कश्मीर चला गया। 

संबधित अधिकारियों ने बताया कि गत माह दक्षिण कश्मीर में यासीन यत्तु और उसके बाद हंदवाड़ा में परवेज अहमद वानी उर्फ मुबशिर के मारे जाने के बाद हिज्ब के लिए अपने स्थानीय कैडर को संभालना मुश्किल हो रहा था। इसलिए गत दिनों पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने क्यूम नजार की हिज्ब सुप्रीमा सल्लाहुदीन की लश्कर व अल-बदर और तहरीकुल मुजाहिदीन के कमांडरों की बैठक में सुलह करवा,उसे उत्तरी कश्मीर में हिज्ब की कमान संभालने को राजी किया था। 

सल्लाहुदीन के साथ समझौते के बाद ही वह बीती रात कश्मीर वापस आ रहा था। जिला बारामुला के अंतर्गत ममकाक-सोपोर का रहने वाले क्यूम नजार ने उड़ी सेक्टर के अंतर्गत लच्छीपोरा में जोरावर चौकी के इलाके में अपने दो साथियों के साथ गुलाम कश्मीर की तरफ से घुसपैठ की। लेकिन वहां तैनात 34 आरआर के जवानों ने उन्हें देख लिया और मुठभेड़ शुरु हो गई। सुबह चार बजे शुरु हुई यह मुठभेड़ करीब दो घंटे चली। 

सूर्याेदय के बार सुरक्षाबलों ने जब मुठभेड़स्थल की तलाशी ली तो उन्हें वहां गोलियों से छलनी एक आतंकी का शव व हथियार मिले। अन्य दो आतंकी वापस भागने में कामयाब रहे। दोपहर बाद ही मारे गए आतंकी की पहचान हुई। 

संबधित अधिकारियों ने बताया कि 15 लाख के इनामी क्यूम नजार का मारा जाना बहुत बड़ी कामयाबी है। वह उत्तरी कश्मीर में स्थानीय आतंकियों के साथ साथ विदेशी आतंकियों को भी एक मजबूत नेटवर्क उपलब्ध करा,उनकी गतिविधियों में तेजी लाने में समर्थ था। 


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