जानें,श्रीनगर एयरपोर्ट से सटे बीएसएफ के कैंप पर हुए हमले से जुड़ी खास बातें
श्रीनगर एयरपोर्ट से सटे बीएसएफ के कैंप पर हुए हमले के चलते मंगलवार को स्कूलों में छुट्टी रही।
श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो]। श्रीनगर एयरपोर्ट से सटे बीएसएफ के कैंप पर हुए हमले के चलते मंगलवार को स्कूलों में छुट्टी रही। अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड़स्थल के आसपास स्थित सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में छात्रों व अध्यापकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाना पड़ा।
एहतियातन इस्तेमाल नहीं किए भारी हथियार
आईजीपी मुनीर अहमद खान ने कहा कि इस अभियान को जल्द समाप्त करने के लिए हमें भारी हथियार इस्तेमाल करने थे। ऐसी स्थिति में आसपास के इलाकों में रहने वाले आम लोगों की जान को भी खतरा हो सकता था। इसलिए हमने भारी हथियारों को तरजीह नहीं दी।
आंसूगैस भी हुआ इस्तेमाल
सुरक्षाबलों ने उन इमारतों में आंसूगैस के गोले भी फेंके जहां आतंकियों ने शरण ले रखी थी। सुरक्षाबल चाहते थे कि आतंकी इससे परेशान होकर बाहर निकलेंगे। यह युक्ति किसी हद तक कामयाब रही और तीसरा आतंकी आंसूगैस के गोलों से परेशान होकर अंधाधुंध फायरिंग करते हुए अपनी पोजीशन बदलने के लिए आड़ से बाहर आया और मारा गया।
एयर एशिया का जहाज पहले पहुंचा
श्रीनगरआतंकी हमले के कारण श्रीनगर एयरपोर्ट पर विमानों की आवाजाही प्रभावित रही। सुबह पहली उड़ान स्थगित हो गई और 10 बजे के करीब नई दिल्ली से एयर एशिया की उड़ान यात्रियों को लेकर श्रीनगर एयरपोर्ट पर पहुंची। एहतियातन यात्रियों को कुछ देर तक एयरपोर्ट में रुकने को कहा गया।
डेढ़ माह में दूसरा बड़ा हमला
श्रीनगर एयरपोर्ट के पास बीएसफ की 182वीं वाहिनी के कैंप पर मंगलवार की सुबह हुआ हमला बीते डेढ़ माह के दौरान कश्मीर घाटी में किसी सुरक्षा शिविर पर होने वाला दूसरा बड़ा आत्मघाती हमला है। इससे पूर्व 26 अगस्त को जिला पुलवामा में पुलिस लाईन पर जैश के आत्मघाती दस्ते ने हमला किया था।
हमले की जांच के आदेश
बीएसएफ कैंप पर हुए हमले की प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि हमला करने वाले शिविर के भीतर कैसे पहुंचे, उन्हें किसने कहां किस प्रकार की मदद दी, वह कब श्रीनगर पहुंचे और उन्होंने सुरक्षा व्यवस्था में किसी खामी का फायदा उठाया, इन सभी बिंदुओं की जांच की जा रही है।
नूरा त्राली था गाईड!
श्रीनगर एयरपोर्ट से सटे बीएसएफ कैंप पर हमले में शामिल जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों को गाइड करने वाले जिन आतंकियों और ओवरग्राऊंड वर्करों को पुलिस ने चिन्हित किया है, उनमें दक्षिण कश्मीर के त्राल कस्बे का रहने वाला नूरा सबसे ऊपर बताया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो वह कुछ माह पहले ही जेल से पेरोल पर रिहा हुआ और उसके बाद गायब हो गया। 26 अगस्त के जिला पुलिस लाईन पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जांच में भी उसका नाम आया है। कहा जाता है कि उसने ही पुलवामा हमले में शामिल आतंकियों को लाजिस्टिक सपोर्ट प्रदान किया था और वही बीएसएफ कैंप पर हमला करने वाले आतंकियों का गाइड था। लेकिन एक पुलिस अधिकारी न कहा कि जब तक जांच पूरी नहीं होगी, इस हमले में नूरा की भूमिका पर कुछ भी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता।
मारे गए आतंकियों से बरामद सामान
तीन एसाल्ट राइफलें, छह मैगजीन, लगभग 200 जिंदा कारतूस, 15 यूबीजीएल, दो पिठु बैग, एक किलो काजू किशमिश, दवाएं, डायरी, कार्ड और संचार उपकरण।
J&K Police, CRPF and BSF joint press conference after Srinagar attack https://t.co/nSaf6aFvv4— ANI (@ANI) October 3, 2017