महबूबा मुफ्ती के बाद Yasin Malik के समर्थन में आई हुर्रियत कॉन्फ्रेंस, NIA की याचिका पर कही ये बात
Hurriyat Conference On Yasin Malik एनआईए ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मृत्युदंड की मांग की है। यासीन मलिक को एक निचली अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
श्रीनगर, पीटीआई। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मालिक को मौत की सजा देने की मांग की है। एनआईए ने इससे जुड़ी याचिका दिल्ली हाई कोर्ट में लगाई है। यासीन मलिक को मौत की सजा देने की मांग पर विभिन्न संगठनों के बयान सामने आ रहे हैं। अब हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने इस पर आपत्ति जताई है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने रविवार को कहा कि एनआईए की ये मांग जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए बेहद परेशान करने वाली है।
बता दें कि एनआईए ने दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर अलगाववादी नेता यासीन मलिक के लिए मृत्युदंड की मांग की है। यासीन मलिक को एक निचली अदालत ने आतंकी फंडिंग मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। एजेंसी की याचिका को 29 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने क्या कुछ कहा
रविवार को एक बयान जारी कर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ने कहा, "यासीन मलिक के लिए मौत की सजा की मांग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए बेहद परेशान करने वाली है।" अलगाववादी संगठन ने आरोप लगाया कि यह प्रयास लोगों को लोगों को भड़काने और डराने के लिए किया गया था।
बयान में आगे कहा गया, "दुर्भाग्य से इस तरह के निर्देश और फरमान ऐसे अधिकारियों द्वारा लाए जाते हैं, जो शांति और विकास का सिर्फ दिखावा करते हैं। जबकि असल में लोगों को भड़काने और डराने की कोशिश करते हैं।"
राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की अपील
हुर्रियत ने केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश के भीतर और बाहर जेलों में बंद जम्मू और कश्मीर के सैकड़ों युवाओं, छात्रों, पत्रकारों समेत सभी राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की अपील की।
हुर्रियत ने कहा कि अगर इनकी रिहाई की जाती है तो यह सुलह का संदेश भेजेगा, जो लोगों के विश्वास को अर्जित करने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में कार्य करेगा। इससे संघर्ष को हल करने का समाधान मिलेगा।