Move to Jagran APP

धारा 35-ए पर सुनवाई स्थगित की जाए : उमर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 08:33 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 08:33 PM (IST)
धारा 35-ए पर सुनवाई 
स्थगित की जाए : उमर
धारा 35-ए पर सुनवाई स्थगित की जाए : उमर

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने वीरवार को एडिशनल सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता को हटाने और धारा 35-ए पर जारी सुनवाई को लोकप्रिय निर्वाचित सरकार की बहाली तक स्थगित करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर नेकां ने निकाय व पंचायत चुनावों के बहिष्कार का एलान किया है तो उसके लिए केंद्र व राज्य प्रशासन ही जिम्मेदार है, जिन्होंने धारा 35-ए पर सुनवाई को इन चुनावों से जोड़ा है।

loksabha election banner

नेकां प्रमुख डॉ. फारूक अब्दुल्ला की ओर से धारा 35-ए और निकाय व पंचायत चुनावों के संदर्भ में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के बाद उमर ने कहा कि अगर केंद्र व राज्य सरकार ने कारगिल स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद के चुनावों से पहले पंचायत व निकाय चुनाव का हवाला देते हुए अदालत में धारा 35-ए को स्थगित करने का आग्रह किया होता तो हम कारगिल पर्वतीय विकास परिषद के चुनावों का भी बहिष्कार करते।

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर के लिए धारा 35-ए पर अदालत में पैरवी कर रहे तुषार मेहता को भी हटाया जाना चाहिए। उन्होंने 27 अगस्त को धारा 35-ए पर सर्वाेच्च न्यायालय में बहस के दौरान जम्मू कश्मीर सरकार ने जो उन्हें बताया था, उसके बजाय अपने तरीके से बात रखी। इसलिए उन्हें तुरंत हटाया जाए और उन लोगों को धारा 35-ए के समर्थन में पैरवी के लिए नियुक्त किया जाए, जो जम्मू कश्मीर के हितों के लिए लड़े।

उमर ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को धारा 35-ए के मुद्दे पर अपना स्टैंड जल्द स्पष्ट करना चाहिए। सिर्फ नेशनल कांफ्रेंस ही नहीं अन्य राजनीतिक दल भी आग्रह कर रहे हैं। नेकां ही नहीं अन्य कई दल इस मुद्दे पर पंचायत व निकाय चुनावों का बहिष्कार कर रहे हैं। राज्य का आम नागरिक भी धारा 35-ए के संरक्षण को लेकर लामबंद हो चुका है। केंद्र को इन सभी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। बेहतर होगा कि केंद्र धारा 35-ए के मुद्दे पर 9 जनवरी 2019 को सर्वाेच्च न्यायालय में होने वाली सुनवाई को राज्य में लोकप्रिय सरकार की बहाली तक स्थगित कराए।

नेकां व पीडीपी जैसे राजनीतिक दलों के चुनाव बहिष्कार के बावजूद राज्य प्रशासन द्वारा पंचायत व निकाय चुनाव कराए जाने पर उन्होंने कहा कि अगर रियासत के बड़े और प्रमुख राजनीतिक दलों के बाहर रहने से केंद्र सरकार मानती है कि चुनावों की विश्वसनीयता भंग नहीं होगी तो उसे चुनाव कराने चाहिए। नेकां न तो चुनाव बहिष्कार का अभियान चलाएगी और न लोगों को चुनाव बहिष्कार के लिए कहेगी। लोग अपनी मर्जी से फैसला करें।

बैठक में पीडीपी के शामिल न होने पर उमर ने कहा कि हमने उन्हें बुलाया था। उम्मीद थी कि पीडीपी का कोई नेता या प्रतिनिधि आएगा। हम धारा 35-ए के संरक्षण के लिए सभी को विश्वास में लेकर ही रणनीति बनाना चाहते हैं। अगर कोई नहीं आया तो यह उसकी मर्जी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.