दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य को मुश्किल दौर से निकालें
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्यपाल एनएन वोहरा ने राजनीतिक, मजहबी और सामाजिक संगठनों सहित सभ
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्यपाल एनएन वोहरा ने राजनीतिक, मजहबी और सामाजिक संगठनों सहित सभी हितधारकों से अपनी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य को मौजूदा मुश्किल दौर से बाहर निकालने के लिए वार्ता का मार्ग अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि राज्य की समस्याओं का हल बातचीत से ही निकलेगा। वह बुधवार को यहां ग्रीष्मकालीन राजधानी में शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में स्वतंत्रता समारोह में परेड की सलामी लेने के बाद जनसमुदाय को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि टकराव की नीति से कोई समस्या आज तक हल नहीं हुई है। इससे सिर्फ वही तत्व मजबूत हुए हैं, जिनके अशांति और अस्थिरता में हित होते हैं। ¨हसा व टकराव से राज्य की सदियों पुरानी आपसी सौहार्द की सामाजिक व्यवस्था को नुकसान पहुंचा है। आज मैं एक बार फिर सभी राजनीतिक दलों के नेताओं, मजहबी, सांस्कृतिक व अन्य संगठनों के नेताओं से आग्रह करता हूं कि वह एक बार जरूर इस बात पर मनन करें कि आखिर उन्हें राज्य में जारी इस ¨हसा और अस्थिरता के वातावरण से क्या मिला है। बीते तीन दशकों से जारी ¨हसा के दुष्चक्र ने सिर्फ आम लोगों को तकलीफ देने के साथ राज्य को पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, उद्योग समेत प्रत्येक क्षेत्र में नुकसान पहुंचाया है। राज्य और इसके लोगों को इस मुश्किल हालात से बाहर निकालने के लिए मैं सभी हितधारकों से आग्रह करता हूं कि वह अपने नीतिगत मतभेदों को भुलाकर बातचीत, सौहार्द और समन्वय का रास्ता अपनाएं ।
राज्यपाल ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि राज्य में ¨हसा और अफरातफरी फैलाने वाले तत्व राज्य का भला नहीं बल्कि नुकसान कर रहे हैं। वह राज्य की छवि को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने इस मौके पर पढ़े लिखे युवकों में आतंकी ¨हसा की तरफ जाने की बढ़ती प्रवृत्ति का जिक्र करते हुए कहा कि संतोष की बात यह है कि गुमराह हो बंदूक थामने वालों में से कई युवक मुख्यधारा में लौट आए हैं। मैं इस मौके पर समाज के सभी लोगों से आग्रह करता हूं कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर ¨हसा के रास्ते पर गए सभी युवकों की वापसी में सहयोग करें। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान के साथ संबंध सामान्य बनाने के विभिन्न प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क ने कभी इन पर सकारात्मक रवैया नहीं अपनाया। उम्मीद है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री पद पर इमरान खान के आसीन होने पर पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में आतंकी ¨हसा को बढ़ावा देने की अपनी नीति की व्यर्थता को स्वीकारते हुए दोनों मुल्कों के बीच शांति, सौहार्द व सहयोग की नीति को अपनाएगा।
राज्यपाल ने इस दौरान राज्य में जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत बनाने की अहमियत का जिक्र करते हुए कहा कि शहरी निकायों के चुनाव सितंबर से अक्टूबर के दौरान जबकि पंचायत चुनाव अक्टूबर से दिसंबर तक होंगे।