फैसल ने पहले सियासत के लिए नौकरशाही छोड़ी, अब अमेरिका में बसने का बना रहें है मन
वर्ष 2009 की यूपीएससी परीक्षा में पहला स्थान पाकर सुर्खियों में आए पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल अब सियासत से तौबा करने का मन बना रहे हैं।
श्रीनगर, राज्य ब्यूरो । वर्ष 2009 की यूपीएससी परीक्षा में पहला स्थान पाकर सुर्खियों में आए पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल अब सियासत से तौबा करने का मन बना रहे हैं। वह हिरासत से मुक्ति मिलने पर अपने संगठन को भंग कर, पढ़ाई के बहाने अमेरिका में बसने की तैयारी में हैं। उनकी करीबी राजनीतिक सहयोगी और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व नेता शेहला रशीद शोरा ने भी गत दिनों चुनावी और मुख्यधारा की सियासत से किनारा करने का एलान किया है। फिलहाल, शाह फैसल सेंटूर पूरक जेल में बंद हैं।
बीते सप्ताह शाह फैसल से उनकी पार्टी के कुछ लोग सेंटूर में मिले थे। इस दौरान कथित तौर पर शाह ने अपने साथियों को जेकेपीएम को भंग करने का संकेत दिया। कहा जा रहा है कि शाह से साथियों की मुलाकात के दौरान मिले संकेतों के बाद ही शेहला रशीद ने चुनावी सियासत छोड़ने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार, बताया कि शाह ने भी राज्य सरकार से कथित तौर पर अपनी रिहाई का आग्रह किया है और अगले सप्ताह रिहा हो सकते हैं। रिहा होने वाले सात संभावित प्रमुख राजनीतिक लोगों में उनका नाम भी शामिल है।
फैसल ने गत मार्च माह में जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) बनाया। कहा कि वह चाहते तो कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के साथ आजादी के मुद्दे पर जा सकते थे, लेकिन वह चुनावी सियासत से परहेज करते हैं। इसलिए उनके साथ नहीं जा रहा हूं। उन्होंने जम्मू कश्मीर की विशेष संवैधानिक स्थिति को भंग किए जाने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी और अन्य राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक आंदोलन चलाने पर काम कर रहे थे। उनको 14 अगस्त को दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था। ऐसा कहा गया कि वे जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक और जम्मू कश्मीर की संवैधानिकि स्थिति में बदलाव को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस हेग में चुनौती देने के लिए जा रहे थे। उन्हें हिरासत में लिया गया और उसके बाद उन्हें श्रीनगर में पूरक जेल बनाए गए सेंटूर होटल में बंदी बनाकर रखा गया।