आतंकियों की मौत से हिज्ब व लश्कर को झटका
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : चौगाम में शनिवार को गुलजार पड्डर समेत पांच आतंकियों के मारे जाने क
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : चौगाम में शनिवार को गुलजार पड्डर समेत पांच आतंकियों के मारे जाने के साथ ही कुलगाम और अनंतनाग में आतंक का एक अध्याय समाप्त हो गया। ये पांचों आतंकी पुलिसकर्मियों की हत्या, बैंक डकैती, पुलिस चौकियों पर हमले और आम नागरिकों को अगवा कर मौत के घाट उतारने की दर्जनों वारदातों में लिप्त थे। इनकी मौत से न सिर्फ हिज्ब को बल्कि लश्कर को भी गहरा झटका लगा है।
गौरतलब कि कुलगाम जिले के चौगाम मुठभेड़ में हिज्ब के तीन आतंकी गुलजार अहमद पडर उर्फ सैफ, फैसल अहमद राथर उर्फ दाउद, जाहिद अहमद मीर के अलावा लश्कर के मसरूर मौलवी उर्फ अबु दारदा और जहूर अहमद लोन उर्फ रहमान भाई मारे गए हैं।
गुलजार अहमद पड्डर जून 2015 में आतंकी बना था। उसे अल्ताफ काचरू ने आतंकी संगठन में भर्ती किया था। आतंकी बनने से पहले वह कुलगाम के यारीपोरा इलाके में एक बेकरी की दुकान चलाता था। उसने बीते साल पोंबे (कुलगाम) में अल्ताफ काचरू के साथ मिलकर पांच पुलिसकर्मियों के अलावा दो बैंक कर्मियों की हत्या की थी। करेवा चिडर कुलगाम में एक एसपीओ की हत्या में भी वह शामिल था। इसके अलावा दमहाल हाजींपोरा में पुलिस दल पर हमले और हथियार लूटने, बैंक डकैती की चार वारदातों में भी शामिल था। बीते साल फ्रिसल इलाके में वह एक मुठभेड़ में गोली लगने से जख्मी हो गया था, लेकिन अल्ताफ काचरू व तौसीफ उसे अपने साथ ले जाने में कामयाब रहे थे। अल्ताफ और तौसीफ भी कुछ समय पहले ही मारे गए हैं। गत माह ईद के दिन जैनपोरा में पुलिसकर्मी फैयाज अहमद की हत्या में जाहिद शामिल था, जबकि फैसल ने शोपियां में तैनात एक पुलिसकर्मी गौहर अहमद की हत्या की थी।
लश्कर के मसरुर और जहूर ने अनंतनाग, बिजबिहाड़ा, पुलवामा और कुलगाम में करीब एक दर्जन आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। ये दोनों दक्षिण कश्मीर में बीते कुछ दिनों से स्थानीय लड़कों की आतंकी संगठनों में भर्ती में जुटे हुए थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि मसरूर, जहूर, जाहिद ने मुख्यधारा की सियासत से जुड़े स्थानीय लोगों, पंच-सरपंचों और पुलिसकर्मियों के परिजनों का भी गत दिनों निशाना बनाया था। इन पांचों आतंकियों के मारे जाने से दक्षिण कश्मीर में आम लोगों को राहत मिली है। इनकी मौत हिज्ब व लश्कर के लिए एक बड़ा झटका है।