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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमला, आरएसएस कार्यकर्ता सहित दो की मौत

Terror attack in Kishtwar. जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ में आतंकियों ने आरएसएस कार्यकर्ता चंद्रकांत शर्मा व उनके पीएसओ की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 01:08 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 04:14 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमला, आरएसएस कार्यकर्ता सहित दो की मौत
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकी हमला, आरएसएस कार्यकर्ता सहित दो की मौत

जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में आतंकियों ने जिला अस्पताल परिसर में अस्पताल कर्मचारी व आरएसएस कार्यकर्ता चंद्रकांत शर्मा के सुरक्षा कर्मी (पीएसओ) की गोली मारकर हत्या कर दी। हमले में गंभीर रूप से घायल चंद्रकांत की इलाज के दौरान मौत हो गई। किसी भी आतंकी संगठन ने अभी तक इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।

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घटना मंगलवार दोपहर 12.45 बजे की है। आरएसएस कार्यकर्ता चंद्रकांत शर्मा पुत्र सोमनाथ शर्मा निवासी ब्राह्मण मोहल्ला किश्तवाड़ जो जिला अस्पताल में मेडिकल असिस्टेंट के पद पर कार्यरत हैं। वह ओपीडी में ड्यूटी पर थे। ओपीडी के बाहर किसी व्यक्ति से बात कर रहे थे। उनके साथ तीन पीएसओ मौजूद थे, जिसमें एक चंद्रकांत से तकरीबन दस फीट दूरी पर गेट के पास जबकि अन्य थोड़ी दूरी अस्पताल की लॉबी में खड़े थे। 

आतंकी हमले के बाद किश्तवाड़ में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर किश्तवाड़ में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है। पूरे इलाके को सील कर सुरक्षा बलों ने हमलावर की तलाश के लिए व्यापाक तलाशी अभियान छेड़ रखा है। वहीं, चंद्रकांत की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें तत्काल हेलीकॉप्टर के जरिए राजकीय मेडिकल कालेज अस्पताल लाया गया, जहां उनकी भी मौत हो गई।

इस बीच, भाजपा प्रवक्ता सुनील सेठी का कहना है कि किश्तवाड़ में आतंकी हमले में घायल चंद्रकांत शर्मा की मौत हो गई है। किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में कार्यरत चिकित्सा सहायक चंद्रकांत शर्मा आतंकी हमले में घायल हो गए, उनके पीएसओ की गोली मारकर हत्या कर दी गई।  

योजनाबद्ध तरीके से हुआ हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक युवक बैग लटकाए अस्पताल की लॉबी में पहुंचा। पीएसओ से थोड़ी दूरी पर उसने बैग की जिप खोली और उसमें पहले से कॉक कर रखी एके-47 राइफल बाहर निकाल कर मुख्य द्वार के पास खड़े पीएसओ कांस्टेबल राजेंद्र को निशाना बना कर फायर किया। रांजेंद्र मौके पर ही शहीद हो गए। अगले ही पल उसने चंद्रकांत शर्मा को संभलने का मौका दिए बिना उस पर गोलियां चला दी। गोलियां चंद्रकांत शर्मा के पेट में लगी। वह जमीन पर गिर पड़े। इसी बीच, हमलावर आतंकी शहीद पीएसओ की राइफल उठा फरार हो गया। वहां मौजूद दो अन्य सुरक्षा कर्मियों ने अपनी पिस्टल से आतंकी पर फायर किया, मगर वह भागने में सफल हो गया। आतंकी हमले के बाद जिला अस्पताल में अफरातफरी और भगदड़ मच गई।

डॉ जितेंद्र सिंह भी पहुंचे किश्तवाड़ जिला अस्पताल
लोगों व अस्पताल के स्टॉफ ने चंद्रकांत शर्मा को फौरन गंभीर हालत में जिला अस्पताल के अंदर पहुंचाया। चुनाव प्रचार के लिए पहले से किश्तवाड़ में मौजूद केंद्रीय राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सुनील शर्मा के साथ तत्काल अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने किश्तवाड़ प्रशासन के जरिए जम्मू में बात की। उन्होंने चंद्रकांत शर्मा को बेहतर उपचार के लिए दिल्ली भिजवाने की बात भी कही। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार करने के बाद एयरलिफ्ट कर जम्मू पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।

लोगों का प्रशासन के खिलाफ फूटा गुस्सा
इस आतंकी हमले के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा पुलिस और जिला प्रशासन पर फूट पड़ा। गुस्साए लोगों ने जिला अस्पताल की ओपीडी, इमरजेंसी व गेट पर काफी तोड़फोड़ की। उन्होंने पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों ने जिला अस्पताल को सुरक्षा घेरे में ले लिया था। हमलावर आतंकी की तलाश के लिए पूरे इलाके को सील कर लिया गया है और सर्च ऑप्रेशन जारी है। वहीं जिला प्रशासन ने किश्तवाड़ में कर्फ्यू लगाने के साथ ही मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक आतंकी हाथ में नहीं आया है। किसी भी आतंकी संगठन ने अभी तक इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। सुरक्षा बलों को घटनास्थल से एके-47 राइफल के चार खोल भी मिले हैं।

सीसीटीवी कैमरों से भी हुई है छेड़छाड़
जांच में सीसीटीवी कैमरों में छेड़छाड़ होने की बात सामने आ रही है। जिससे इसमें अस्पताल के अंदर के किसी व्यक्ति के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। माना जा रहा है कि इस हमले को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने कई दिनों तक रेकी की है।

आरएसएस कार्यकर्ता मेडिकल असिस्टेंट चंद्रकांत शर्मा परिहार बंधुओं के भी काफी करीबी थे। आरएसएस और भाजपा से जुड़े होने के कारण उन्हें 1996 में भी मारने की धमकी दी गई थी, जिसके बाद पुलिस प्रशासन ने उनकी सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए उनके साथ दो पीएसओ तैनात कर रखे थे। परिहार बंधुओं की हत्या के बाद चंद्रकांत की सुरक्षा को और पुख्ता करते हुए उनके साथ दो अतिरिक्त पीएसओ की तैनाती कर दी गई।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर में किश्तवाड़ में आतंकियों ने परिहार बंधुओं की भी हत्या कर दी थी। बताया जाता है कि आरएसएस लीडर चंद्रकांत के परिहार बंधुओं के साथ अच्छे संबंध थे।


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