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कश्मीर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू करें भारत-पाक सरकारेंः फारूक

डॉ. फारूक ने कहा कि कश्मीर मसला जब भी हल होगा बातचीत से ही हल होगा।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 03 Dec 2017 10:53 AM (IST)Updated: Sun, 03 Dec 2017 10:53 AM (IST)
कश्मीर पर बातचीत की प्रक्रिया शुरू करें भारत-पाक सरकारेंः फारूक

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर नई दिल्ली और इस्लामाबाद पर कश्मीर समेत आपसी विवाद के सभी मुद्दों के हल के लिए बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार पर रियासत के हालात को लेकर आम लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। फारूक जिला बड़गाम के हरदपंजु खाग इलाके में नेशनल कांफ्रेंस की जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि रियासत में जमीनी हालात दिन व दिन बिगड़ते जा रहे हैं, नए लड़के बंदूक उठा रहे हैं, लोगों में विशेषकर नौजवानों में राष्ट्रीय मुख्यधारा से विमुखता लगातार बढ़ रही है। राज्य व केंद्र सरकार राज्य में हालात सामान्य होने का दावा कर रही है। यहां के हालात राज्य व केंद्र सरकार के दावों के विपरीत अत्यंत गंभीर हैं। डॉ. फारूक ने कहा कि वर्ष 2016 में रियासत में हुए खून खराबे और तबाही के दौर के बाद जो अब कह रहे हैं कि हालात सुधर गए हैं, वह जमीनी हालात को नकारते हुए जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं।

हकीकत तो यह है कि आज हमारा नौजवान, कश्मीरी नौजवान पहले से कहीं ज्यादा निराश, हताश और राष्ट्रीय मुख्यधारा से विमुख हो चुका है। मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं और आज भी कहता हूं कि जब तक कश्मीर मसला हल नहीं होगा, न कश्मीर में हालात सामान्य होंगे और न हिंदोस्तान-पाकिस्तान में दोस्ती होगी। कश्मीर मसला कभी जंग से हल नहीं होगा। अगर जंग से यह मसला हल होने वाला होता तो आज तक हल हो चुका होता। भारत-पाक इस मुददे पर जंग की स्थिति में भी नहीं हैं, क्योंकि दोनों के पास एटम बम है।

डॉ. फारूक ने कहा कि कश्मीर मसला जब भी हल होगा बातचीत से ही हल होगा। इसलिए जो लोग नई दिल्ली में बैठे हैं और जो इस्लामाबाद में बैठकर कश्मीर पर बड़े-बड़े दावे करते हैं,उन सभी को बातचीत की प्रक्रिया शुरू करते हुए इस मसले के हल की तरफ बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से ही मानना है कि राज्य की स्वायत्तता बहाल होने से यह मसला हल होगा। अगर किसी के पास कोई दूसरा व्यावहारिक फार्मूला है तो हमे उस पर भी एतराज नहीं, लेकिन उस पर चर्चा होनी चाहिए। भारत और पाकिस्तान, दोनों ही खुद को कश्मीरियों का हमदर्द कहते हैं। अगर उन्हें सही में कश्मीरियों का दर्द है तो उन्हें कश्मीर मसला हल करने की अपनी जिम्मेदारी को पूरा करते हुए यह खून खराबा बंद कराए।

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