फारुक अब्दुल्ला बोले, धारा 35ए से छेड़खानी हुई तो जनांदोलन
फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर धारा 35ए के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी हुई तो फिर जनांदोलन पूरी रियासत में होगा।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। राज्य के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डा. फारुक अब्दुल्ला ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर धारा 35ए के साथ किसी भी प्रकार की छेड़खानी हुई तो फिर यहां लोग अमरनाथ भूमि विवाद आंदोलन को भूल जाएंगे, उससे भी बड़ा जनांदोलन पूरी रियासत में होगा। केंद्र को नहीं मालूम कि धारा 35ए से खिलवाड़ का मतलब जम्मू कश्मीर में आग लगाना है।
आज यहां मुख्यधारा के विभिन्न राजनीतिक दलों (गैरसत्ताधारी दलों) के नेताओं व प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में सांसद डा. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र सरकार बड़े ही सुनियोजित तरीके से धारा 35ए को भंग करने में लगी हुई है। राज्य में सत्तासीन पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार इसमें पूरा सहयोग कर रही है।
डा. अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा और आरएसएस का एक ही एजेंडा है,धारा 370 व जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता को किसी तरह खत्म करना। इसी एजेंडे के तहत धारा 35ए को समाप्त किया जा रहा है। अगर संविधान की यह धारा भंग हुई तो रियासत के तीनों क्षेत्रों कश्मीर, लद्दाख व जम्मू पर नकारात्मक असर होगा।
उन्होंने कहा कि धारा 35ए के समाप्त होने या इसमें किसी तरह की संशोधन का मतलब न सिर्फ धारा 370 को कमजोर बनाना है, बल्कि रियासत का सांख्यिकी चरित्र बदलना भी है। यह रियासत के लोगों को अल्पसंख्यक बनाने की साजिश का हिस्सा है।
डा. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, जो हमेशा रियासत की विशेष संवैधानिक स्थिति की रक्षा करने का दावा करती हैं, को केंद्र सरकार पर जोर देना चाहिए कि वह धारा 35ए को मजबूत बनाए और इसे कमजोर बनाने या भंग करने की हर साजिश को नाकाम बनाएं।
नेकांध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा अक्सर कहती हैं कि रियासत की विशिष्टि संवैधानिक स्थिति को किसी प्रकार का नुक्सान होने की स्थिति में वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगी। मैं उम्मीद करता हूं कि उनको अपना यह दावा आज भी याद होगा। मुख्यमंत्री को अपने पास उपलब्ध सभी संसाधनों का इस्तेमाल कर राज्य के लोगों को धारा 35ए के खिलाफ साजिशों के प्रति जागरुक बनाना चाहिए। धारा 35ए को समाप्त करने से रियासत की एकता भी खतरे में पड़ जाएगी।
डा. फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार को पता नहीं है कि वह धारा 35ए के साथ खिलवाड़ कर आग से खेल रही है। अगर इसे समाप्त करने या इसमें किसी तरह के बदलाव का प्रयास हुआ तो लखनपुर से लेकर लद्दाख तक रियासती लोग ठीक उसी तरह से उठ खड़े होंगे। जैसे श्री अमरनाथ भूमि विवाद पर खड़े हुए थे। लेकिन इस बार जनांदोलन अमरनाथ भूमि विवाद से कहीं ज्यादा तीव्र और व्यापक होगा।
इससे पूर्व नेकां प्रमुख डा फारुक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस के उस्मान मजीद व पीरजादा मोहम्मद सईद, माकपा प्रदेश सचिव मोहम्मद युसुफ तारीगामी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन हकीम मोहम्मद यासीन, डेमोक्रेटिक पार्टी नेशनलिस्ट के चेयरमैन गुलाम हसन मीर के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, चौधरी मोहम्मद रमजान और मोहम्मद शफी उड़ी ने भाग लिया।