मुठभेड़ स्थल के पास गोली लगने से हुई थी फैजान की मौत
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासन और पुलिस ने बुधवार को राज्य मानवाधिकार आयोग को सूचित ि
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य प्रशासन और पुलिस ने बुधवार को राज्य मानवाधिकार आयोग को सूचित किया है कि पुलवामा में 29 जून को फैजान अहमद पोसवाल की मौत मुठभेड़ स्थल के पास गोली लगने से हुई है।
यह मुठभेड़ लश्कर के आतंकियों द्वारा सुरक्षाबलों पर फाय¨रग किए जाने के बाद शुरू हुई थी। मुठभेड़ में दो आतंकी तो बच निकले थे, लेकिन चौंगल हंदवाड़ा का रहने वाला लश्कर आतंकी सज्जाद अहमद शाह मारा गया था।
राज्य मानवाधिकार आयोग में इंटरनेशनल फोरम फॉर जस्टिस एंड हयूमन राइट्स के चेयरमैन मोहम्मद अहसन उंतु ने इस मुठभेड़ के संदर्भ में याचिका दायर कर फैजान अहमद पोसवाल नामक एक किशोर की मौत पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उसे सुरक्षाबलों ने गोली मारी है। फैजान के पिता डॉ. अब्दुल गनी पोसवाल है। वह उसी अस्पताल में तैनात थे, जहां मुठभेड़ के दौरान भड़की ¨हसा में जख्मी लोगों को उपचार के लिए लाया गया था।
मोहम्मद अहसन उंतु की याचिका पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य पुलिस और जिला प्रशासन को नोटिस जारी कर पूरी जानकारी देने को कहा था। जिला उपायुक्त पुलवामा और राज्य पुलिस महानिदेशक की ओर से आयोग में जमा कराई गई रिपोर्ट में बताया गया है कि फैजान अहमद पोसवाल निवासी ºियू लाडू पांपोर को मुठभेड़ स्थल पर ही गोली लगी थी। वह वहां कैसे पहुंचा था, इसकी जांच की जा रही है। मुठभेड़ स्थल पर उसके अलावा कुछ और नागरिक जख्मी हुए थे।
आयोग के नोटिस के जवाब में उपायुक्त पुलवामा ने बताया कि दिवंगत के मामले में अनुग्रह राशि प्रदान करने का मामला तहसीलदार पांपोर द्वारा तैयार किया गया है। यह मामला अभी प्रक्रिया में है। जल्द ही इसे जिला स्तरीय समन्वय समिति में पेश किया जाएगा। हालांकि मोहम्मद अहसन उंतु ने प्रशासन के जवाब पर असंतोष जाहिर करते हुए फैजान की मौत की उच्चस्तरीय जांच कराए जाने की मांग की है।