पीडीपी नेता समेत दो और लोग रिहा
कश्मीर में सुधरते हालात के बीच राज्य प्रशासन ने लिया फैसला पिछले सप्ताह नेकां और पीडीपी के चार नेता छोड़े गए थे --------
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: राज्य प्रशासन ने कश्मीर में लगातार सुधरते हालात के बीच मंगलवार को पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के पूर्व विधायक और ट्रेड यूनियन के एक नेता को एहतियातन हिरासत से मुक्त कर दिया। पिछले रविवार को भी नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के चार नेताओं को रिहा किया था।
मंगलवार को रिहा होने वालों में पूर्व विधायक एजाज अहमद मीर हैं। वह जिला शोपियां में वाची विधानसभा क्षेत्र से 2014 में चुनाव जीते थे। आतंकियों को भाई बताने एजाज मीर के घर से ही अक्टूबर 2018 में उनका अंगरक्षक आदिल सात सरकारी राइफलें लेकर आतंकियों से जा मिला था। वह गत माह ही सुरक्षाबलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया है। मीर के साथ रिहा किए गए ट्रेड यूनियन नेता डॉ. शकील कलंदर हैं। वह प्रधानमंत्री द्वारा जम्मू कश्मीर में आर्थिक सुधारों पर गठित कार्यबल के सदस्य भी रह चुके हैं।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्व विधायक एजाज मीर और डॉ. शकील कलंदर को भी एक सिक्योरिटी बांड के आधार पर ही रिहा किया गया है। इसमें इन दोनों ने जम्मू कश्मीर में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने में पूर्ण सहयोग का यकीन दिलाया है। दोनों ही सबसाइडरी जेल एमएलए होस्टल में गत नवंबर से बंद थे। पहले इन लोगों को सब जेल सेंटूर होटल में रखा गया था। इन्हें भी प्रशासन ने गत पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मददेनजर एहतियात के तौर पर हिरासत में लिया था। अगस्त माह की शुरुआत में प्रशासन ने भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों के लगभग 300 सभी प्रमुख नेताओं व कार्यकर्ताओं को एहतियातन हिरासत में लिया था या फिर उन्हें नजरबंद बनाया गया था। एमएलए होस्टल में सिर्फ 15 लोग ही बचे
वर्तमान में एमएलए होस्टल में 15 लोग ही हिरासत में रह गए हैं। इनमें नेकां नेता अली मोहम्मद सागर, पीडीपी के नईम अख्तर और वहीद उर रहमान पारा, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन और जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के डॉ. शाह फैसल प्रमुख हैं। तीन पूर्व सीएम अलग-अलग हिरासत में
जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी पांच अगस्त से बंद हैं, लेकिन इन्हें एमएलए हॉस्टल में नहीं रखा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती फिलहाल ट्रांसपोर्ट लेन में एक सरकारी गेस्टहाउस में हैं जबकि पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने घर के पास गुपकार पर स्थित एक सरकारी बंगले में रखे गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पीएसए के तहत उनके ही घर में बंदी बनाकर रखा गया है।