घाटी की सड़कों पर दौड़ने लगी इलेक्ट्रिक बसें
राज्य ब्यूरो श्रीनगर ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आखिरकार शुक्रवार को इलेक्ट्रिक बसें सड
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में आखिरकार शुक्रवार को इलेक्ट्रिक बसें सड़क पर दौड़ने लगी। अगले दो दिनों तक लोग इनमें नि:शुल्क यात्रा का लाभ ले सकते हैं। लेकिन बाद में उन्हें इसमें सफर करने पर किराया चुकाना पड़ेगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने शुक्रवार को केंद्रीय भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री अरविद गणपत सांवत के साथ शेर-ए- कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में आयोजित समारोह में इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राज्यपाल ने केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ इलेक्ट्रिक बस की सवारी का मजा भी लिया।
इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाने के बाद बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जिस तरह से यहां वाहनों की संख्या के साथ वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए इन बसों की बहुत जरूरत थी। आप देखिएगा कि यह बसें जल्द ही पूरे शहर का चेहरा बदल देंगी। यह प्रदूषण नहीं फैलाती और आरामदायक भी हैं। यह पेट्रोल और डीजल से नहीं बल्कि बिजली से चलती हैं। उन्होंने कहा कि एसआरटीसी को पूरी तरह अत्याधुनिक बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं।
राज्यपाल ने कहा कि लोगों को भी चाहिए कि वह ई-बसों का ही इस्तेमाल करें। इससे वह भी पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को निजी वाहनों के इस्तेमाल से यथासंभव बचना चाहिए। निजी वाहनों का इस्तेमाल सिर्फ ईधन की खपत ही नहीं बल्कि प्रदूषण का कारण भी बनता है। अगर आप सार्वजनिक वाहनों का यथासंभव इस्तेमाल करेंगे तो न सिर्फ आपकी जेब को फायदा होगा बल्कि सड़कों पर निजी वाहनों की अनावश्यक भीड़ भी कम नजर नहीं आएगी।
जम्मू कश्मीर के विकास के लिए हर संभव सहयोग कर रहा केंद्र
राज्यपाल के साथ इलेक्ट्रिक बस की सवारी का मजा लेते हुए भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्री अरविद गणपत सांवत ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर के विकास के लिए हर संभव सहयोग कर रही है। यहां उद्योगों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं पर काम किया जा रहा है। यहां का वातावरण और पर्यावरण सुरक्षित रहे, इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ई-बसों का यह बेड़ा यहां प्रदूषण का स्तर कम करने में मददगार साबित होगा। केंद्र सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में आवश्यक सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने के लिए प्रयास कर रही है।
बिना शोर दौड़ेंगी बस : चालक
इलेक्ट्रिक बस के स्टीयरिग पर बैठे चालक परवेज अहमद ने कहा कि वे तो बड़े शहरों में इन बसों के बारे में सुनते थे। यह बहुत अच्छी बस है। इनसे कोई शोर नहीं होगा। लोगों से हमारा आग्रह है कि वह इस बस में जरूर बैठें, लेकिन इसमें तोड़-फोड़ न करें।
बदलते समय की जरूरत है इलेक्ट्रिक बस
सचिवायुक्त परिवहन विभाग डॉ. सगर सामून ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसें अब बदलते समय की जरूरत हैं। बेशक यह परंपरागत बसों से महंगी हैं, लेकिन अगर दूर की सोची जाए तो यह सस्ती पड़ती हैं। एसआरटीसी के पास करीब 500 वाहनों का बेड़ा है। एसआरटीसी हर साल करीब 50 लाख यात्रियों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाती है और करीब 50 करोड़ रुपये का ईंधन खर्च करती है। धीरे धीरे इन सभी बसों को बदलेंगे। इलेक्ट्रिक बसों से वायु और ध्वनि प्रदूषण भी नहीं होता। शुरू में 10 रूटों पर इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, लेकिन जल्द ही इस सेवा का विस्तार किया जाएगा। हां, पहले दो दिन इन बसों में किराया नहीं लगेगा लेकिन उसके बाद यात्रियों से किराया लिया जाएगा।
यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि केंद्र सरकार की योजना फास्टर एडाप्शन एंड मैनुफैक्चरिग हायब्रिड एंड इलेक्ट्रिक (फेम) व्हिकल स्कीम के तहत जम्मू कश्मीर परिवहन निगम (जेकेएसआरटीसी) ने 40 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी हैं। इनमें से 20बसें जम्मू के लिए और 20 बसें श्रीनगर के लिए हैं। जम्मू में इलेक्ट्रिक बस सेवा 27 मई को ही बहाल हो गई थी।