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ओजीडब्ल्यू के संपर्क में था देविंदर सिंह

आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़ा गया डीएसपी देविदर सिंह पिछले तीन वर्षो से स्थानीय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के साथ कथित तौर पर संपर्क में था।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 09:46 AM (IST)
ओजीडब्ल्यू के संपर्क में था देविंदर सिंह
ओजीडब्ल्यू के संपर्क में था देविंदर सिंह

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : आतंकियों के साथ गठजोड़ के आरोप में पकड़ा गया डीएसपी देविदर सिंह पिछले तीन वर्षो से स्थानीय आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों (ओजीडब्ल्यू) के साथ कथित तौर पर संपर्क में था। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियों ने देविंदर सिंह केतीन रिश्तेदारों से भी पूछताछ की है। अलबत्ता, अधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

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सूत्रों ने बताया कि देविदर सिंह से पूछताछ के दौरान मिले सुराग के आधार पर कहा जा सकता है कि वह करीब तीन वर्षो से दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के तीन से चार ओवरग्राउंड वर्करों के साथ संपर्क में था। इन सभी को पकड़ने के लिए कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि देविंदर की अभी तक किसी विध्वंसकारी गतिविधि में भागेदारी की पुष्टि नहीं हुई है। वह आतंकियों और उनके हथियारों को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने जैसे मामलों में संलिप्त नजर आता है।

सूत्रों ने बताया कि देविदर सिंह आतंकरोधी अभियानों के लिए आतंकी नेटवर्क की खुफिया जानकारी जुटाने की कवायद के दौरान ही ओवरग्राउंड नेटवर्क के साथ जुड़ा और फिर उनके साथ काम करने लगा। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों ने किसी बड़े मामले के हल का लालच देते हुए उसे अपने लिए इस्तेमाल किया हो। उन्होंने कहा कि जब वह पकड़ा गया था तो उसने डीआइजी दक्षिण कश्मीर रेंज अतुल कुमार गोयल को कहा था कि आपने पूरा गेम खराब कर दिया। अगर वह ऑपरेशन में कामयाब रहता तो पुलिस को बहुत बड़ा फायदा होता। उसने अपने साथ सिख के वेश में बैठे दोनों आतंकियों नवीद व आतिफ उर्फ आसिफ उर्फ रफी को अपना अंगरक्षक बताया था। उसके इस कथित ऑपरेशन के बारे में किसी अन्य पुलिस अधिकारी को कोई सूचना नहीं थी।

सूत्रों ने बताया कि देविदर सिंह के तीन करीबी रिश्तेदारों से भी पूछताछ की गई है। इनमें एक बैंक अधिकारी बताया जाता है। इनसे देविदर से घर में मिलने आने वाले लोगों, उसकी गतिविधियों के बारे में सवाल किए गए हैं। इसके अलावा जांच एजेंसियां देविदर सिंह या उसके रिश्तेदारों के जरिए देश-विदेश में बैठे आतंकी सरगनाओं द्वारा जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के लिए पैसे का बंदोबस्त किए जाने के एंगल पर भी जांच कर रही है।

सूत्रों ने बताया कि पुलवामा में 25 जनवरी 2017 को जिला पुलिस लाइन पर हमले के समय वह वहीं पर तैनात था। हालांकि वह चाहता तो आतंकियों को मार गिराने वाले दस्ते में शामिल नहीं होता, लेकिन वह पूरे अभियान में सक्रिय रहा था। पुलिस लाइन पर हमला करने वाले आतंकी जैश के अफजल गुरु स्क्वाड के थे और उनके पास पुलिस लाइन के विभिन्न हिस्सों की जानकारी थी। इसलिए देविदर सिंह के प्रत्येक दावे, उससे मिली जानकारी, विभिन्न इलाकों में उसकी तैनाती के समय हुई आतंकी वारदातों के घटनाक्रम का भी उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर आकलन किया जा रहा है।


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