वैद पर गिरी गाज, दिलबाग ¨सह को डीजीपी का अतिरिक्त पदभार
जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू/श्रीनगर : कश्मीर में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ती आतंकी ¨हसा क
जागरण न्यूज नेटवर्क, जम्मू/श्रीनगर : कश्मीर में बिगड़ती कानून व्यवस्था और बढ़ती आतंकी ¨हसा की गाज जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. एसपी वैद पर गिर गई। वीरवार को डॉ. वैद को डीजीपी के पद से हटाते हुए 1987 बैच के आइपीएस महानिदेशक कारावास दिलबाग ¨सह को अगले आदेश तक डीजीपी का अतिरिक्त कार्यभार भी संभालने को कहा गया है।
राज्य गृह विभाग द्वारा देर रात जारी आदेश में कहा गया कि 1986 बैच के आइपीएस डीजीपी डॉ. एसपी वैद को स्थानांतरित करते हुए उन्हें परिवहन आयुक्त, जम्मू कश्मीर नियुक्त किया गया है। यह पद भी डीजीपी के बराबर होगा। वहीं परिवहन आयुक्त आइएएस सौगात विसवास को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है। वह इसी विभाग के सचिव का अतिरिक्त पद भी संभालेंगे। आदेश के अनुसार, डीजी कारावास दिलबाग ¨सह को नियमित व्यवस्था होने तक राज्य पुलिस महानिदेशक का कार्यभार भी अपनी मौजूदा जिम्मेदारियों के साथ संभालने को कहा गया है।
डॉ. वैद को बदलने के संकेत गत सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय की बैठक में ही मिल गए थे। बताया जाता है कि 31 दिसंबर 2016 को राज्य पुलिस महानिदेशक का कार्यभार संभालने वाले डॉ. वैद आतंककियों की भर्ती पर लगाम लगाने और पत्थरबाजी रोकने में पूरी तरह कामयाब नहीं हो पाए। इसके अलावा आतंकियों ने आम लोगों के साथ खुलेआम पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों पर हमले भी शुरू कर दिए। बीते एक साल के दौरान घाटी में दो दर्जन से ज्यादा पुलिस चैकियों और सुरक्षा दलों पर आतंकियों ने हमले किए थे।
यह रहा बड़ा कारण :
पिछले दिनों आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर में छह पुलिसकर्मियों के 11 रिश्तेदारों को अगवा कर लिया था। पुलिस तमाम प्रयासों के बावजूद इन लोगों को छुड़ा नहीं पाई और हिज्ब कमांडर रियाज नायकू के पिता अस्सदुल्ला नायकू को रिहा किए जाने के बाद ही आतंकियों ने पुलिसकर्मियों के अगवा परिजनों को रिहा किया था। इस घटना का केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा नोटिस लिया था। इसके बाद वैद की विदाई का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया था। तब वैद ने ट्वीटर का सहारा लेते हुए लिखा था कि मीडिया को ऐसी खबरों से बचना चाहिए जिससे आतंकवाद से लड़ रहे जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारियों व जवानों का मनोबल गिरे। रही बात तबादले की तो वह सरकार का विशेषाधिकार है और सामान्य प्रशासनिक प्रक्रिया। यहां यह बताना असंगत नहीं होगा कि राज्य पलिस महानिदेशक पद पर आसीन होने वाले डॉ. वैद जम्मू संभाग के दूसरे पुलिस अधिकारी थे। उनसे पहले एमएम खजूरिया इस पद पर आसीन रह चुके हैं, लेकिन नियमित आइपीएस कैडर से आने वाले वैद जम्मू संभाग के पहले अधिकारी हैं जो डीजीपी बने।
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