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आम लोगों को मुखबिरी संदेह में मौत के घाट उतार अपनी खीझ मिटा रहे आतंकी, 4 दिन में 3 मौत

आतंकी अत्यंत दबाव में हैं। 135 के करीब उनके साथी मारे गए हैं। कासो के कारण आतंकी अब खुलेआम घूम नहीं पा रहे। लोग भी सुरक्षाबलों की मदद कर रहे।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 22 Aug 2017 10:12 AM (IST)Updated: Tue, 22 Aug 2017 10:12 AM (IST)
आम लोगों को मुखबिरी संदेह में मौत के घाट उतार अपनी खीझ मिटा रहे आतंकी, 4 दिन में 3 मौत

श्रीनगर, [राज्य ब्यूरो] । अपने अधिकतर कमांडरों के मारे जाने और सुरक्षाबलों के कासो के कारण विध्वंसकारी गतिविधियों में असमर्थ महसूस कर रहे आतंकियों ने अब आम लोगों को मुखबिरी के संदेह में मौत के घाट उतार अपनी खीझ मिटाना शुरू कर दिया है। आतंकी इन हत्याओं की जिम्मेदारी तो नहीं ले रहे, उल्टा सुरक्षाबलों को जिम्मेदार ठहरा लोगों को सड़कों पर पथराव के लिए उकसा रहे हैं।

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दक्षिण कश्मीर में बीते चार दिन में हुई तीन हत्याओं की जांच में यही बात निकल कर आई शनिवार को आतंकियों ने दियालगाम अनंतनाग में पीडीपी के कार्यकर्ता मोहम्मद इसहाक पर्रे की हत्या की थी। रविवार शोपियां में 17 वर्षीय छात्र गौहर अहमद डार को अगवा कर मार डाला। इसी दिन शोपियां में ही आतंकियों ने केबल ऑपरेटर हिलाल की हत्या कर दी।

पुलिस ने इन तीनों हत्याओं में लिप्त आतंकियों की पहचान कर ली है। गौहर की हत्या लश्कर के स्थानीय आतंकियों ने की, जबकि पीडीपी कार्यकर्ता और केबल ऑपरेटर की हत्या में हिजबुल मुजाहिदीन शामिल है। एसएसपी शोपियां एसए दिनकर ने बताया कि गौहर की हत्या लश्कर के स्थानीय आतंकियों वसीम अहमद निवासी हफ और नाजिम डॉ निवासी यूरपोरा ने की है।

हिलाल की हत्या में हिज्ब के तुर्रे और उमर नायक शामिल हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बेशक आतंकियों ने इन्कार किया है लेकिन हिलाल अहमद के जनाजे में आज जो भीड़ देखी गई, वह ऐसे ही नहीं थी। लोगों ने आतंकियों के खिलाफ गुस्सा जताया है। अन्यथा बीते कुछ सालों में आतंकियों के जनाजे में ही ऐसी भीड़ नजर आती थी।

आतंकियों ने सुरक्षाबलों को इन हत्याओं का जिम्मेदार ठहराने के लिए गौहर के जनाजे के दौरान समर्थकों से आजादी समर्थक और सुरक्षाबलों के खिलाफ नारे लगवाए। उन्होंने कहा कि आतंकी अत्यंत दबाव में हैं। 135 के करीब उनके साथी मारे गए हैं। कासो के कारण आतंकी अब खुलेआम घूम नहीं पा रहे। लोग भी सुरक्षाबलों की मदद कर रहे। 

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