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कालीन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने की कवायद

जम्मू कश्मीर में कोरोना की मार झेल रहे कालीन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिवायुक्त मनोज कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में प्रदेश में विभाग यार्न आपूर्ति योजना कच्चा माल बैंक और कौशल सुधार कार्यक्रम जैसे उपाय शुरू करने पर चर्चा हुई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 01:50 AM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:18 AM (IST)
कालीन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने की कवायद
कालीन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने की कवायद

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर में कोरोना की मार झेल रहे कालीन उद्योग को फिर से पटरी पर लाने के लिए उद्योग एवं वाणिज्य विभाग गंभीरता से विचार कर रहा है। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिवायुक्त मनोज कुमार द्विवेदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में प्रदेश में विभाग यार्न आपूर्ति योजना, कच्चा माल बैंक और कौशल सुधार कार्यक्रम जैसे उपाय शुरू करने पर चर्चा हुई।

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इस अवसर पर अधिकारियों ने प्रदेश की दस्तकारी से जुड़ी गतिविधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह वह क्षेत्र है जो देश-विदेश में जम्मू कश्मीर के लिए कमाई का एक बड़ा साधन है। कोविड-19 महामारी से यह क्षेत्र भी मंदी की मार का शिकार हो गया है। इसे फिर से पटरी पर लाने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना जरूरी है।

वहीं उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के सचिवायुक्त मनोज द्विवेदी ने कहा कि वह पंजीकृत कालीन बुनकरों के लिए विभिन्न प्रकार का कच्चा माल और यार्न आपूर्ति योजना को लागू करने की विस्तृत योजना तैयार करें। उन्होंने कालीन बुनकरों के इलाकों में दो कच्चा माल बैंक स्थापित करने के निर्देश दिए। एक बैंक सेंट्रल कश्मीर और दूसरा उत्तरी कश्मीर में होना चाहिए। यह बैंक कालीन बुनकरों के लिए गुणवत्ता वाला कच्चा माल सुनिश्चित बनाएंगे। इस मौके पर उन्होंने खराब हो चुके 10 हजार कालीन करघों को बदलने के प्रस्ताव का संज्ञान लेते हुए कहा कि हमें इस साल 200 करघों को हर हाल में बदलना होगा। इस मामले को कपड़ा मंत्रालय के संज्ञान में लाया जाए। ताकि बुनकरों के लिए जारी योजना का पर्याप्त लाभ प्राप्त किया जा सके।


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