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पूर्व मंत्री बुखारी व हुसैन पीडीपी से निष्कासित

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मंगलवार को पूर्व मंत्री सईद बशारत बुख

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 03:04 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 03:04 AM (IST)
पूर्व मंत्री बुखारी व हुसैन पीडीपी से निष्कासित

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने मंगलवार को पूर्व मंत्री सईद बशारत बुखारी व सईद पीर मोहम्मद हुसैन को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। साथ ही उनकी प्राथमिक सदस्यता भी समाप्त कर दी है। पार्टी महासचिव महबूब इकबाल को अनुशासनहीनता के आरोप में पदमुक्त कर दिया है। इसी बीच, बारामुला जोनल पीडीपी प्रधान दिलशाद मीर ने पार्टी से इस्तीफे का एलान कर दिया है। वहीं बुखारी और हुसैन नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) का हिस्सा बनने जा रहे हैं। बुधवार को वे औपचारिक रूप से नेकां में शामिल होंगे।

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पीडीपी के उपाध्यक्ष अब्दुल रहमान वीरी ने बताया कि बुखारी और हुसैन पार्टी विरोधी गतिविधियों में दोषी पाए गए हैं। हालांकि पहले दोनों को चेताया था, पर उनके रवैये में बदलाव नहीं आया। इसलिए पार्टी को सख्त फैसला लेना पड़ा। महासचिव महबूब इकबाल को भी पार्टी का अनुशासन भंग करने के आरोप में पदमुक्त कर दिया है। वीरी ने कहा कि बुखारी और हुसैन हमारी पार्टी के सदस्य नहीं हैं। ये किस दल में जा रहे हैं और किसमें आ रहे है, हमें कोई मतलब नहीं है। दोनों खुद जानें कि उन्हें क्या करना है। उधर, बुखारी और हुसैन ने कुछ भी कहने से इन्कार किया। नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने कहा कि बुखारी और हुसैन बुधवार सुबह साढ़े दस बजे उमर अब्दुल्ला की मौजूदगी में नेशनल कांफ्रेंस में शामिल होंगे। दोनों के आने से हमारी तंजीम मजबूत होगी। सरकार गिरने के बाद पीडीपी में उथल पुथल : 18 जून को पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार गिरने के बाद से पीडीपी में महबूबा मुफ्ती के खिलाफ लगातार मुखर हुए बागी स्वरों में अंतर्कलह भी तेज हुई है। हालांकि महबूबा ने सियासी कुंबे को संभालने का प्रयास किया। उन्होंने सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग को पार्टी का संरक्षक भी बनाया, लेकिन बात नहीं बनी। अब तक वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव जीत पिछली सरकार में मंत्री बनने वाले उनके चार साथी उनसे अलग हो चुके हैं। चार अन्य वरिष्ठ नेता और दो पूर्व विधायक भी पीडीपी को छोड़ चुके हैं। पीडीपी से अब जो दो नेता जा रहे हैं उनमें संग्रामा के पूर्व विधायक और पूर्व राजस्व मंत्री सईद बशारत बुखारी के अलावा 2002 में शांगस से विधानसभा चुनाव जीत तत्कालीन मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व वाली कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन सरकार में मंत्री रहे पीर मोहम्मद हुसैन शामिल हैं। हुसैन सात माह पहले तक जम्मू कश्मीर मुस्लिम वक्फ बोर्ड के उपाध्यक्ष भी थे। महबूबा के साथ मतभेदों के चलते उन्होंने वक्फबोर्ड से इस्तीफा दिया था। बुखारी विधानपरिषद में एमएलसी भी रहे हैं। दो बार संग्रामा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर एमएलए बने। 14 जून को आतंकी हमले में मारे गए पत्रकार शुजात बुखारी के बड़े भाई हैं। वहीं हुसैन और महबूबा आपस में रिश्तेदार भी है। पूर्व नौकरशाह पीर मोहम्मद हुसैन पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में एक हैं।


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