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बीडीसी चेयमैन को मिलेगा सुरक्षा क्वच

-उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने मासिक मानदेय देने का भी किया एलान -बीडीसी चेयरमैन के दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया उद्घाटन -सरकारी कार्यालयों और समारोहों में मिलेगा सम्मान प्रोटोकॉल

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 09:37 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 09:37 AM (IST)
बीडीसी चेयमैन को मिलेगा सुरक्षा क्वच
बीडीसी चेयमैन को मिलेगा सुरक्षा क्वच

राज्य ब्यूरो, जम्मू : प्रत्येक ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) चेयरमैन को मासिक मानदेय व संवैधानिक प्रावधान के अनुसार सरकारी कार्यालयों और समारोहों में सम्मान प्रोटोकॉल भी मिलेगा। आतंकी खतरे के आकलन के आधार पर बीडीसी चेयरमैन को सुरक्षा भी मुहैया करवाएगी। यह एलान मंगलवार को उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने हाल ही में निर्वाचित बीडीसी चेयरमैन के कन्वेंशन सेंटर में प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए किए।

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मंगलवार को शुरू हुए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीडीसी चेयरमैन को उनकी जिम्मेदारियों के निर्वाह करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही उन्हें उनके अधिकारों से भी अवगत कराया जाएगा।

प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद उपराज्यपाल ने कहा कि केंद्र शासित जम्मू कश्मीर राज्य में बीडीसी चेयरमैन को मिलने वाला मासिक मानदेय व प्रोटोकाल पूरे देश में सबसे ज्यादा होगा। उन्हें संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक सरकारी समारोहों व संस्थानों में प्रोटोकॉल प्रदान किया जाएगा। उनके वारंट ऑफ प्रेसिडेंस का पूरा पालन होगा। प्रतिनिधियों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक बीडीसी चेयरमैन को उस पर मंडराते आतंकी खतरे के आकलन के आधार पर समुचित रक्षा क्वच प्रदान किया जाएगा।

उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान ने बीडीसी चेयरमैन को संबोधित करते हुए कहा कि देश में गुजरात के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्यक्रम को मॉडल माना जाता है। इसे तैयार करने में उपराज्यपाल जीसी मुर्मु की मुख्य भूमिका रही है। इसलिए जम्मू कश्मीर के ग्रामीण विकास में उपराजयपाल की विशेषज्ञता, दूरदर्शिता व काबलियत का पूरा लाभ मिलेगा। ग्रामीण विकास अब बीडीसी के कंधों पर

ब्लाक विकास परिषदों की अहमियत पर उपराज्यपाल ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी बीडीसी के कंधों पर है। उन्होंने कहा कि बीडीसी व बीडीओ की भूमिका, अधिकारों व जिम्मेदारियों को परिभाषित कर ढांचा विकसित किया जा रहा है, ताकि निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच समन्वय व सहयोग सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि पंचायतों और बीडीसी के गठन से जम्मू कश्मीर के लोग सही मायने में सशक्त हुए हैं। पंच-सरपंचों और बीडीसी चेयरमैन के पास अब लोगों की सेवा और उन्हें उनके अधिकारों व जिम्मेदारियों से अवगत करवाने का मौका है। जिला परिषद के भी होंगे चुनाव

उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने निकट भविष्य में जम्मू कश्मीर में जिला परिषदों के गठन का संकेत देते हुए कहा कि समय आने पर इसके लिए चुनाव भी होंगे। इससे जम्मू कश्मीर में तीन स्तरीय पंचायत राज व्यवस्था पूरी तरह बहाल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि विकेंद्रीकृत योजना और विकास के लिए जिला योजना विकास बोर्ड भी गठित किया जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि जम्मू कश्मीर पंचायती राज अधिनियम 1989 में अक्तूबर 2018 में कई बड़े बदलाव किए गए, जिससे पंचायतों को मजबूत बनाने में बहुत मदद मिली है। उन्होंने पंचायती राज संस्थानों को और मजबूत बनाने के लिए 73वें संशोधन को लागू करने की संकल्पबद्धता को दोहराते हुए कहा कि सभी स्तर पर प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मियों को पंचायती राज व्यवस्था के नए ढांचे से अवगत करवाया जा रहा है, ताकि जनता तक संबंधित सेवाओं को प्रभावी तरीके से पहुंचाया जा सके।


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