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Article 370: हिरासत में लिए गए अलगावादी व राजनेता एक साल तक रह सकते हैं अंदर...!

जम्मू-कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त कर दो केंद्र शासित राज्य बनाने के मद्देनजर हिरासत में लिए राजनीतिक दलों के नेताओं अलगाववादियों व अन्य की जल्द रिहाई की उम्मीद नहीं है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 13 Aug 2019 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 13 Aug 2019 03:45 PM (IST)
Article 370: हिरासत में लिए गए अलगावादी व राजनेता एक साल तक रह सकते हैं अंदर...!
Article 370: हिरासत में लिए गए अलगावादी व राजनेता एक साल तक रह सकते हैं अंदर...!

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर का विशेषाधिकार समाप्त कर दो केंद्र शासित राज्य बनाने के मद्देनजर हिरासत में लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, अलगाववादियों व अन्य लोगों की जल्द रिहाई की उम्मीद नहीं है। संबंधित अधिकारियों की मानें तो इन्हें एक साल तक बंद रखा जा सकता है।

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गौरतलब है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और किसी भी तरह के राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों की संभावना को टालने के लिए राज्य प्रशासन ने बीते आठ दिनों के दौरान करीब 700 लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें से करीब 150 लोगों को देश के विभिन्न राज्यों की जेलों में स्थानांतरित किया है।

इनमें अलगाववादियों के अलावा नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के महासचिव अली मोहम्मद सागर भी हैं। नेकां उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के अलावा पीडीपी की अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी गिरफ्तार नेताओं में शामिल हैं।

हालांकि महबूबा को हरि निवास में और उमर अब्दुल्ला को वन विभाग के गेस्ट हाउस में रखा गया है। लेकिन अधिकारिक तौर पर कोई भी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी इन दोनों नेताओं के बारे में बोलने को तैयार नहीं हैं। सिर्फ यही नहीं राज्य में बीते एक सप्ताह के दौरान हुई गिरफ्तारियों की संख्या का ब्योरा भी देने के लिए कोई अधिकारी तैयार नहीं है।

राज्य सरकार के प्रवक्ता रोहित कंसल भी उमर अब्दुल्ला और महबूबा पर लगाई गई कानूनी धाराओं का ब्योरा देने में असमर्थ नजर आए हैं। राज्य प्रशासन के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि वादी में कोई भी किसी भी तरह से हिंसा न भड़का सके इसलिए विभिन्न नेताओं और अन्य लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है। इनमें से कइयों को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत भी बंदी बनाए जाने की सूचना है।

उन्होंने बताया कि हालात सामान्य होने पर कुछेक राजनीतिक नेताओं को छोड़ा जा सकता है। कई लोगों को राज्य प्रशासन विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत अगले एक साल तक बंद रख सकता है। 


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