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Jammu And Kashmir: श्रीनगर में एडवोकेट बाबर कादरी की आतंकियों ने की हत्या

Baber Qadri जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में पुलिस के कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद हवल इलाके में एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता एडवोकेट बाबर कादरी की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 07:11 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 10:00 PM (IST)
Jammu And Kashmir: श्रीनगर में एडवोकेट बाबर कादरी की आतंकियों ने की हत्या
जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में आतंकियों ने एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या की।

श्रीनगर, एएनआइ। Baber Qadri: आतंकियों ने वीरवार को जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में पुलिस के कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बावजूद हवल इलाके में एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता एडवोकेट बाबर कादरी की उनके घर के पास गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि किसी आतंकी संगठन ने देर रात तक इस वारदात की जिम्मेदारी नहीं ली थी, लेकिन इसमें टीआरएफ (द रजिस्टेंस फ्रंट) के आतंकियों का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है। तीन साल पहले भी उन पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे।एडवोकेट बाबर कादरी वर्ष 2010-11 में चर्चा में आए थे, जब उन्होंने पत्थरबाजी के आरोप में पकड़े गए नाबालिगों की रिहाई के लिए अदालत में पैरवी की। वह अक्सर राष्ट्रीय टीवी चैनलों पर कश्मीर मुद्दे पर होने वाली चर्चाओं में काफी मुखर रहते थे।

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कश्मीर के प्रति केंद्र की नीतियों के कटु आलोचक एडवोकेट बाबर कादरी ने कई बार हुर्रियत कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं में सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज मौलवी उमर फारूक को भी आड़े हाथ लिया। उन्होंने कश्मीर में आतंकी हिंसा के लिए पाकिस्तान, हुर्रियत व आतंकी संगठनों की भूमिका का सच सबके सामने लाया। उन्होंने कश्मीर में बढ़ती कट्टर जिहादी मानसिकता पर भी कई बार बेबाक अपनी बात रखी। उन्होंने कश्मीर बार एसोसिएशन के प्रधान मियां क्यूम के वर्चस्व को भी चुनौती दी थी। कश्मीर बार एसोसिएशन ने एक बार उनकी सदस्यता भी रद कर दी थी। दो बेटियों के पिता एडवोकेट बाबर कादरी को कश्मीर के अलगाववादी खेमे में पसंद नहीं किया जाता था। वह कश्मीर में मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ खुलकर बोलते थे। आतंकी हिंसा हो या सुरक्षाबलों की कार्रवाई, वह सबको बराबर कहते थे। उन पर करीब तीन साल पहले भी हवल के इलाके में आतंकी हमला हुआ था। उस समय वह बाल-बाल बच गए थे।

आतंकियों के एक ब्लॉग में भी आया था बाबर का नाम

इंटरनेट पर सक्रिय अलगाववादियों और आतंकियों के एक ब्लॉग में कई बार उन्हें कश्मीर का गद्दार और भारतीय एजेंसियों का एजेंट करार दिया गया। उक्त ब्लॉग के बारे में कहा जाता है कि जिसका नाम एक बार इसमें आया, उसका डेथ वारंट हमेशा के लिए जारी हो जाता है। कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या से पूर्व उनका नाम भी इसी ब्लॉग में लिया गया था।

घर के पास हुआ हमला

संबंधित पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एडवोकेट बाबर कादरी की हत्या शाम करीब सवा छह बजे उनके घर के पास ही हुई है। आतंकियों की सही संख्या मालूम नहीं हुई है, लेकिन वह दो हो सकते हैं और उन्होंने प्वायंट ब्लैक रेंज से कादरी पर गोली चलाई। आतंकियों के जाने के बाद उनके परिजनों ने पुलिस को सूचित करते हुए उन्हें अस्प्ताल पहुंचाया। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शेरे कश्मीर आयुर्विज्ञान संस्थान (सौरा) के सुपरिंटेंडेंट डॉ. फारूक जान ने बताया कि एडवोकेट बाबरी कादरी जब अस्पताल में लाए गए तो उनकी मौत हो चुकी थी।

तीन दिन पहले किया था ट्वीट, मेरी जिंदगी खतरे में

एडवोकेट बाबर कादरी ने तीन दिन पहले 21 सितंबर को अपना अंतिम ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने एक स्क्रीन शॉट को टैग करते हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस से शाह नजीर नामक एक फेसबुक यूजर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आग्रह किया था। एडवोकेट बाबर कादरी ने लिखा था कि 'मैं पुलिस प्रशासन से आग्रह करता हूं कि वह इस शाह नजीर के खिलाफ एफआइआर दर्ज करें जो मेरे खिलाफ अफवाह फैला रहा है, दुष्प्रचार कर रहा है और लोगों को बता रहा है कि मैं सुरक्षा एजेंसियों का एक एजेंट हूं। वह जो बातें कह रहा है वह पूरी तरह गलत हैं और उसके कारण मेरी जिंदगी खतरे में है।' 


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