पहली बार गठित हो रही बीडीसी में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण
राज्य ब्यूरो श्रीनगर राज्य में पहली बार गठित होने जा रही ब्लॉक विकास परिषदों (बीडीसी) में
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : राज्य में पहली बार गठित होने जा रही ब्लॉक विकास परिषदों (बीडीसी) में से 33 फीसद पद सिर्फ महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगे। इसके अलावा जहा पर 50 फीसद से ज्यादा अनुसूचित जाति की आबादी होगी, वहा बीडीसी प्रधान का पद अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेगा। पंचायत राज व्यवस्था को मजबूत बनाने और उनमें महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए ब्लॉक विकास परिषदों में राज्य सरकार ने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है।
गौरतलब है कि राज्य में ब्लॉक विकास परिषदों और जिला विकास परिषदों का गठन अगले माह श्री अमरनाथ तीर्थयात्रा के संपन्न होने के बाद किए जाने का प्रस्ताव है। ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग की सचिवायुक्त शीतल नंदा ने बताया कि जम्मू, लद्दाख व कश्मीर को मिलाकर कुल 316 बीडीसी का गठन होना है और इनमें 33 फीसद सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि अगस्त 2019 के अंत तक बीडीसी का गठन हो जाए।
ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायत राज मामले से संबधित एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पूरे राज्य में 105 बीडीसी में अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेगा। वर्ष 2012 में राज्य में सिर्फ 143 बीडीसी का गठन होना था, लेकिन उस समय इनमें महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान नहीं था। जम्मू प्रात में 147 बीडीसी में से 53 जबकि कश्मीर में 136 में से 45 महिलाओं में अध्यक्ष पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं, जबकि लद्दाख में 31 में से 10 आरक्षित होंगी।
सचिवायुक्त शीतल नंदा ने बताया कि महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण के प्रावधान में ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए उनकी आबादी के आधार पर बीडीसी आरक्षित होंगी। इस सदंर्भ में एक अधिसूचना भी जम्मू कश्मीर पंचायत राज अधिनियम के तहत जारी की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि बीडीसी सिर्फ उन्हीं इलाकों में गठित होंगी जहा पंचायतों का पूरी तरह गठन हुआ है। जहा कोरम के अभाव में पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी नहीं हुई है, वहा बीडीसी का गठन नहीं होगा। इस समय कश्मीर में 1057 पंचायतें कोरम के अभाव में गठित नहीं हैं।
यहा यह बताना असंगत नहीं होगा कि पूरे राज्य में 4483 पंचायतों में से 2135 कश्मीर प्रात में हैं और इनमें से 1057 कोरम के अभाव में गठित नहीं हुई है। पंचायत राज अधिनियम जम्मू कश्मीर के मुताबिक, किसी भी पंचायत के गठन के लिए न्यूनतम एक सरपंच और एक पंच होना चाहिए। लेकिन 1057 पंचायतों में कहीं सरपंच है तो कहीं सिर्फ पंच ही है। इन पंचायतों में बीडीसी के चुनाव और उनका गठन पंच-सरपंच के रिक्त पड़े पदों पर चुनावों के बाद ही होगा।
सचिवायुक्त के अनुसार हम अगस्त माह में पंचायत राज व्यवस्था के दूसरे चक्र अथवा स्तर को पूरा करने को संकल्पबद्ध हैं। दूसरा स्तर तैयार होने के बाद ही हमें तीसरे स्तर पर जिला विकास परिषद (जिला विकास एवं योजना बोर्ड) के गठन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।