सोपोर में आतंकवादियों ने किया आईईडी विस्फोट, चार पुलिस कर्मी शहीद 2 घायल
जम्मू कश्मीर के सोपोर व बारामुला में आतंकियों ने हमला किया है । आतंकी हमले में तीन पुलिसकर्मी के शहीद होने की सूचना है।
जम्मू , [राज्य ब्यूरो]। उत्तरी कश्मीर के बारामुला के सोपोर में आईईडी विस्फोट में चार पुलिस कर्मी शहीद हो गए। गोल मार्केट सोपोर में एक दुकान के पास आईईडी बिछाई गई थी। आईजी कश्मीर मुनीर खान ने बताया कि सोपोर में शनिवार सुबह आईईडी विस्फोट में चार पुलिस कर्मियों की मौत हो गई। इनमें से तीन की पहचान डोडा के एएसआई इरशाद अहमद, कुपवाड़ा के मोहम्मद अमीन और सोपोर के गुलाम नबी के रूप में हुई है।
जम्मू कश्मीर के सोपोर में आतंकियों ने एक बार फिर हमला कर दिया। आतंकियों ने शनिवार की सुबह आईईडी ब्लास्ट किया। मुताबिक इस आतंकी हमले जहां 4 पुलिसकर्मी शहीद हो गए तो वहीं दो गंभीर रूप से घायल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ब्लास्ट सोपोर के गोल मार्केट में किया गया। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) मुनीर खान ने बताया कि हमले में चार पुलिसकर्मियों की मौत हुई है। इसके अलावा यह भी जानकारी दी कि आईईडी को एक दुकान के नीचे लगाया गया था, इस ब्लास्ट में तीन दुकानें बुरी तरह से बर्बाद हो गई हैं।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आईईडी विस्फोट में पुलिस कर्मियों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति गहरी संवेदना जताई है। अलगाववादियों ने सोपोर बंद का आज शनिवार को आह्वान किया था। सोपोर में 1993 में पचास से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उसी बरसी पर सोपोर बंद का हर वर्ष बंद रखा जाता है। बंद के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई थी। आतंकवादियों ने योजनाबद्ध तरीके से पुलिस कर्मियों को निशाना बनाने केलिए आईइडी बिछाई थी। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए है। सुरक्षा बलों ने क्षेत्र को घेर लिया है। विस्फोट में कई लोग घायल हुए है।
इससे पहले भी 31 दिसंबर 2017 के दिन आतंकियों ने पुलवामा स्थित सीआरपीएफ ट्रेनिंग सेंटर पर हमला कर दिया था। जिसमें पांच सैनिक शहीद हुए थे। वहीं सेना ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए दो आतंकियों को ढेर किया था। आतंकियों ने सेंटर पर ग्रेनेड से हमला किया था। आतंकवादियों ने 31 दिसंबर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 185वीं बटालियन के शिविर पर हमला किया था।
सीमा पर थी खामोशी जो था तूफान का सूचक
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के हाथों करारा आघात लगने के बाद पाकिस्तान फिलहाल शांत था, लेकिन पुराने रिकॉर्ड पर गौर करें तो पड़ोसी देश की नीयत का भरोसा नहीं किया जा सकता है। यह सीमांतवासी और सीमा सुरक्षा बल भी जानते हैं। ऐसे में इस शांति को तूफान से पहले की खामोशी मानकर बीएसएफ पूरी तरह तैयार कर रही थी तब तक यह घटना घट गई।
बदला लेने की फिराक में पाकिस्तान
सीमा सुरक्षा बल ने अपनी सभी चौकियों को अलर्ट पर रखा है और दुश्मन की खामोशी को उसकी किसी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। पहले भी कई बार मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने कुछ दिन खामोश रहकर फिर आग उगली है। सूत्रों के अनुसार जानमाल के भारी नुकसान से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। वह बदला लेने के लिए उचित समय का इंतजार कर रहा था।
सीमा पार से अचानक हो सकती है गोलीबारी
पाकिस्तानी रेंजर्स की मौत से पाकिस्तानी सेना में भी रोष है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के सैन्य अधिकारियों ने सियालकोट क्षेत्र में एक बैठक भी की है। इसमें सीमा सुरक्षा बल की कार्रवाई को लेकर कोई विशेष योजना बनी है। खुफिया एजेंसियों ने ऐसे कुछ संदेश पकड़े हैं, जिनमें पाकिस्तान ने अपने सीमांत क्षेत्र के लोगों को कुछ दिनों तक सतर्क रहने की हिदायत दी है। ऐसे में सीमा पार से अचानक गोलीबारी हो सकती है। इसलिए बीएसएफ पूरी तरह सतर्क है। पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।