सुरक्षा बलों के बुलंद हौसलों से पस्त आतंकी मंसूबे
जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को हुमहामा में पत्रकारों को बताया कि इस साल सुरक्षाबलों ने 12 अभियानों में 25 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें चार आतंकी जम्मू संभाग में मारे गए हैं शेष कश्मीर में।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर: कश्मीर में बदलाव के बीच सुरक्षाबलों के बुलंद हौसलों के आगे आतंकी सिर नहीं उठा पा रहे हैं। अगर वह अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए बाहर आते भी हैं तो सुरक्षाबल उन्हें ढेर कर देते हैं। यहां तक कि ओवरग्राउंड वर्करों से भी आतंकी मिल नहीं पा रहे हैं, जिससे उन्हें उनके आकाओं का कोई संदेश भी नहीं मिल पा रहा है। इसी का नतीजा है कि कश्मीर में सूचीबद्ध आतंकियों की संख्या सिर्फ 240-250 तक ही रह गई है। हालांकि, घुसपैठ और आतंकी संगठनों में नई भर्ती जरूर हुई है, लेकिन यह अपने न्यूनतम स्तर पर है। इस साल अब तक सिर्फ तीन ही आतंकी ही घुसपैठ कर सके हैं, जिसमें से एक मारा जा चुका है।
जम्मू कश्मीर पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने शनिवार को हुमहामा में पत्रकारों को बताया कि इस साल सुरक्षाबलों ने 12 अभियानों में 25 आतंकियों को मार गिराया है। इनमें चार आतंकी जम्मू संभाग में मारे गए हैं, शेष कश्मीर में। इनमें शनिवार सुबह मारे गए दो आतंकी भी शामिल हैं। आतंकियों के लिए आंख-नाक-कान का काम करने वाले 40 से ज्यादा ओवरग्राउंड वर्कर भी पकड़े गए हैं। शुक्रवार को भी एक आतंकी पकड़ा है। उन्होंने कहा कि इस समय कश्मीर में सक्रिय सूचीबद्ध आतंकियों की संख्या पहले से घटकर 240 से 250 तक ही रह गई है। नई भर्ती भी लगभग थम चुकी है। हालांकि, एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्वचालित हथियारों से लैस आतंकी लगातार घुसपैठ का प्रयास कर रहे हैं। तीन आतंकियों के अंतरराष्ट्रीय सीमा के रास्ते घुसपैठ करने की सूचना है। यह तीनों जैश ए मोहम्मद के हैं और इनमें से एक गत दिनों त्राल में मारा गया है। आतंकियों का स्थानीय सपोर्ट भी खत्म
दिलबाग सिंह ने कहा कि इस समय आतंकी पूरी तरह अलग थलग पड़ चुके हैं। आम लोग उनसे पूरी तरह विमुख हो चुके हैं। वादी के भीतर सपोर्ट स्ट्रक्चर लगभग खत्म हो चुका है। यह सब पुलिस, सेना व अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा आपसी समन्वय और सहयोग के साथ चलाए गए पीपुल्स फ्रेंडली आतंकरोधी अभियानों से संभव हुआ है। सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर कार्रवाई
वीपीएन एप के जरिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग पर दिलबाग सिंह ने कहा कि जांच में कई नए मामले सामने आए हैं। कार्रवाई भी हो रही है। हाल ही में हंदवाड़ा के वसीम डार को गिरफ्तार किया गया है। उसने लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का दुरुपयोग किया है। इससे पहले भी एक युवक पकड़ा गया है। वहीं, डीजीपी ने कट्टरपंथी सईद अली शाह गिलानी के घरेलू नौकर समेत दो लोगों की गिरफ्तारी संबंधी सवाल का जवाब नहीं दिया। एसएसपी को दुबई से धमकी
जम्मू कश्मीर पुलिस में एसएसपी रैंक के एक अधिकारी को सोशल मीडिया पर धमकियां देने संबंधी मामले की पुष्टि आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने की है। उन्होंने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। उसका असली नाम सुहेल वली है। सोशल मीडिया अकाउंट पर उसका नाम हाफिज सुहेल है। वह डलीपोरा पुलवामा का रहने वाला है। पुलिस ने उसके घर छापा भी मार, पर वह नहीं मिला। उसके परिजनों के मुताबिक वह दुबई में है। अनुमति होगी तो निकलेगा मार्च
कश्मीरी पंडितों द्वारा वादी में कश्मीरी मुस्लिमों के साथ संवाद-संपर्क-सौहार्द की बहाली के लिए एक शांति मार्च के एलान पर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पहले उन्हें नागरिक प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। बिना अनुमति शांति मार्च अवैध होगा। नागरिक प्रशासन अनुमति देगा तो ही मार्च निकलेगा। कश्मीरी पंडितों का यह मार्च 28 फरवरी को प्रस्तावित है।
उत्तरी कश्मीर में 19 स्थानीय आतंकी : डीआइजी
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर में सक्रिय लगभग 88 सूचीबद्ध आतंकियों में 19 स्थानीय ही हैं। शेष पाकिस्तान मूल के विदेशी आतंकी हैं। यह जानकारी शनिवार को पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआइजी) उत्तरी कश्मीर रेंज सुलेमान चौधरी ने दी। (तापर) बारामुला मे हिज्ब आतंकी जुनैद फारूक की गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीआइजी चौधरी ने कहा कि उत्तरी कश्मीर में स्थानीय युवकों की भर्ती के कारण आतंकियों की संख्या बढ़ रही है। इसे रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हम स्थानीय आतंकियों को जिदा पकड़ने, उनके आत्मसमर्पण करने को सुनिश्चित बनाने का प्रयास कर रहे हैं। उत्तरी कश्मीर को आतंकवाद मुक्त बनाने के लिए सुनियोजित तरीके से आतंकरोधी अभियान चलाए जा रहे हैं। इस समय उत्तरी कश्मीर में विदेशी आतंकी ही ज्यादा सक्रिय हैं। इनके स्थानीय स्पोर्ट सट्रक्चर को नष्ट किया जा रहा है। हम किसी को भी हालात बिगाड़ने की इजाजत नहीं देंगे। सुरक्षाबल पूरी तरह सतर्क और किसी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। आतंकियों और उनके समर्थकों की निशानदेही करते हुए उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही हे।