बिलाल सुल्तान ही बिना पीएसए के तहत रह गए उप जेल में
राज्य ब्यूरो श्रीनगर उप जेल एमएलए हॉस्टल में अब सिर्फ अवामी इत्तेहाद पार्टी के बिलाल सुल्तान ही एहतियातन हिरासत में बचे हैं।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उप जेल एमएलए हॉस्टल में अब सिर्फ अवामी इत्तेहाद पार्टी के बिलाल सुल्तान ही एहतियातन हिरासत में बचे हैं।
बीते छह माह के दौरान राज्य प्रशासन की ओर से मुख्यधारा की सियासत से जुड़े नौ नेताओं को जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत बंदी बनाया गया है। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। उप जेल एमएलए हॉस्टल में बेशक बिलाल सुल्तान ही हिरासत में हैं, लेकिन वह अकेले नहीं हैं। उनका साथ देने वालों में पीडीपी के पीरजादा मंसूर हुसैन, नेशनल कांफ्रेंस के हिलाल अकबर लोन और पूर्व नौकरशाह शाह फैसल भी हैं। बिलाल के अलावा यह तीनों पीएसए के तहत बंदी बनाए गए हैं। इन्हें उप जेल एमएलए हॉस्टल से बाहर स्थानांतरित नहीं किया गया है। सूत्रों की मानें तो बिलाल सुल्तान पर भी पीएसए की तैयारी है।
मंगलवार की रात को पीएसए के तहत बंदी बनाए गए पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के राजनीतिक सलाहकार रह चुके पीरजादा मंसूर हुसैन वर्ष 2008 में दक्षिण कश्मीर में शांगस विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते थे। हालांकि वर्ष 2014 में वह चुनाव हार गए थे। उन्हें भी प्रशासन ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिया था। उन्हें भी पहले शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआइसीसी) में रखा गया था। बाद में सब जेल एमएलए हॉस्टल में रखा गया था। नवंबर में जब एमएलए हॉस्टल को उप जेल का दर्जा दिया गया तो इसमें 33 राजनीतिक नेताओं को हिरासत में रखा गया था। बाद में अधिकांश नेताओं को रिहा कर दिया गया या पीएसए के तहत बंदी बनाकर अन्य जगहों पर भेजा गया।
बीते छह माह के दौरान पीएसए के तहत बंदी बनाए गए मुख्यधारा के नेताओं में चार पीडीपी से संबंध रखते हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, सरताज मदनी, नईम अख्तर और पीरजादा मंसूर हुसैन हैं। नेशनल कांफ्रेंस के चार नेताओं में डॉ. फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, अली मोहम्मद सागर और हिलाल अकबर लोन हैं। इनके अलावा जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन और पूर्व नौकरशाह डॉ. शाह फैसल हैं।