Move to Jagran APP

नन्हे वैज्ञानिक कर रहे नए कश्मीर की तामीर

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) में केमिकल इंजीनियर बनने के इच्छुक फैजान का कहना है कि बचपन में उसके माता-पिता उसके लिए खिलौने लेकर आते थे।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 11:05 AM (IST)Updated: Sun, 09 Feb 2020 11:05 AM (IST)
नन्हे वैज्ञानिक कर रहे नए कश्मीर की तामीर

श्रीनगर, रजिया नूर । नये कश्मीर की तामीर में अब घाटी के उभरते वैज्ञानिक भी जुट गए हैं। फैजान नाम के एक किशोर ने बिजली और पानी की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत देने के लिए कई उपकरण बनाए हैं। सोलर वाटर पंप, सोलर एनर्जी किट, हाइड्रो पंप, डेनमो और विंड मिल आदि मॉडलों को सरकार की प्रदशर्नियों में वाहवाही मिली है, लेकिन फैजान इन वह मॉडलों को गंभीरता से नहीं लेने पर खफा है।

loksabha election banner

नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) में केमिकल इंजीनियर बनने के इच्छुक फैजान का कहना है कि बचपन में उसके माता-पिता उसके लिए खिलौने लेकर आते थे। वह खिलौने तोड़-मरोड़ कर अपने तरीके से जोड़ने की कोशिश करता था। पिता रऊफ अहमद का कहना है कि बेकार की चीजों को एकत्रित कर बगैर किसी की प्रेरणा से सांइस मॉडल तैयार करता है।

प्रदर्शनियों में कई मॉडलों को मिली वाहवाही पर सरकार के गंभीर न होने पर खफा 

खिलौनों से खेलने की उम्र बीतने के साथ फैजान ने सोचा कि क्यों न मैं कुछ ऐसी चीजें बनाऊं जो लोगों के काम आए। उसके पिता दमकल विभाग में कार्यरत हैं और काम के सिलिसले में अकसर गांवों में जाते थे। कई बार तो फैजान भी जाता। फैजान जिस गांवों में भी गया कि देखा लोग बिजली व पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। फैजान ने बिजली उत्पादन करने वाला सोलर वाटर पंप 2015 में तैयार किया। पानी की टंकी को डीसी मोटर के जरिये सोलर पैनल से जोड़ कर करंट पैदा की जाती है जिसके चलते टंकी के पानी में प्रेशर पैदा होता है। फैजान के इस मॉडल को स्कूल की प्रदर्शनी में पहला स्थान मिला है। इसके बाद वर्ष 2016 में सौर ऊर्जा से बिजली पैदा करने वाला एक और मॉडल बनाया। सोलर एनर्जी किट नामक किट को फैजान ने प्लास्टिक बाक्स में एक मीटर लगाया उसके साथ बिजली के दो एलईडी बल्ब, एक पंखा व एक जबर फिट किया। दोनों बल्बों के लिए अलग अलग प्लग बनाए और इनको सोलर पैनल से जोड़ दिया। पंखा घूमने से सौर ऊर्जा पैदा होने से दोनों बल्ब रोशन हो जाते हैं। इसे बनाने में फैजान को छह माह लग गए। फैजान ने 2018 में पनबिजली ऊर्जा पैदा करने वाला हाइड्रो एनर्जी मॉडल, 2019 में चुंबकीय ऊर्जा पैदा करने वाला डेनमो मॉडल, हाल ही 2020 में सौर ऊर्जा पैदा करने वाला उपकरण विंड मिल नामक मॉडल तैयार किया। फैजान के मॉडल देख विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इन्हें विकसित किया जाए तो यह लाभकारी साबित हो सकते हैं।

फैजान के परिजनों के अनुसार विशेषज्ञों की सलाह पर उन्होंने सहायता के लिए स्टेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट का रुख किया था तो संबंधित अधिकारियों ने बताया कि फैजान का नाम दर्ज नहीं है। फैजान के पिता रऊफ अहमद ने कहा, जब इसका कारण पूछा तो जवाब था कि स्कूल वालों की गलती है। रऊफ ने बताया कि जितने भी मॉडल बनाए हैं उस पर काफी खर्चा भी हुआ है। कश्मीर विश्वविद्यालय के इनोवेशन सेक्शन डिपार्टमेंट के अधिकारी वसीम अहमद ने कहा कि फैजान ने छोटी सी उम्र में उसने हैरान करने वाले साइंस माडल बनाएं हैं। स्टेट एजुकेशन इंस्टीट्यूट (एसएआइ) के कॉर्डिनेटर मंजूर अहमद ने कहा कि इन बच्चों की सूची संबंधित स्कूल को भेजनी होती है। इनके मॉडल राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली साइंस प्रदर्शनियों में प्रतिभा दिखाने का अवसर दिलाना इस्टीट्यूट के जिम्मे होता है। हम 10वीं तक मदद कर सकते हैं। हाल ही में 10वीं की परीक्षा 90 फीसद अंकों से पास करने वाले फैजान को उम्मीद है कि उनको मॉडल को अगर विकसित किया जाए तो ये विशेषकर लाभकारी होंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.